समृद्धि न्यूज लखनऊ- आस्था और विश्वास के साथ सोमवार को व्रती महिलाओं ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मइया की पूजा-अर्चना की। टोकरी में प्रसाद के संग भोर से ही लखनऊ के सभी घाटों पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। सूर्योदय के समय तक घाटों पर छठ मइया के प्रतीक (सुशोभिता) पर व्रती महिलाओं का जमावड़ा देखते ही बन रहा था।कुछ सालों पहले तक यह महापर्व बिहार या फिर बिहार प्रवासियों तक ही सीमित था लेकिन बीतते समय के साथ इसकी परिधि बढ़ती चली गई। आज यह पर्व किसी प्रांत या स्थान विशेष तक सीमित नहीं है, जहां तक सूर्य की किरणें जाती हैं, वहां तक छठी मैया का आशीवार्द पाने के लिए लोग सूर्य को अर्घ्य देते हुए दिखाई देते हैं। लखनऊ में भी कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला।छठ मइया के पारंपरिक गीतों का गुलदस्ता पेशकर व्रती महिलाओं के समूह ने माहौल को भक्ति से सराबोर कर दिया। पति व पुत्र के सिर पर रखी टोकरी के पीछे सूप में जलता दीपक छठ मइया के प्रति आस्था और विश्वास का उजाला चारों तरफ फैला रहा था। कुछ महिलाएं तो पहले से ही घाट पर मौजूद थीं तो दूसरी ओर दूर से आई महिलाएं उजाला होने से पहले घाटों पर अपनी दस्तक दे चुकी थीं।घाटों पर पूरब की ओर मुंह करके खड़ी व्रती महिलाएं टकटकी लगा उगते सूर्य से जल्दी उगने की कामन कर रही थीं। धीरे-धीरे भरी कोसी और सूप-सुपली के साथ कमर भर पानी में जा उतरीं। संतान सुख और पति की दीर्घायु के साथ सुख-समृद्धि की कामना लिए सोमवार को भोर से ही व्रती महिलाएं उगते सूर्य को महापर्व डाला छठ का दूसरा अर्घ्य देने को आतुर दिखीं।सुबह 6:29 से सात बजे तक महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।