बरसों से पड़ा है ताला, खरपतवार के लगे ढेर
खुले में शौचक्रिया जाने को मजबूर ग्रामीण
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। सरकार स्वच्छता मिशन को लेकर काफी सक्रिय है। गांव-गांव स्वच्छता अभियान की अलख जगाकर लोगों को स्वच्छता अभियान के संबंध में जागरूक कर रही है। उन्हें यह भी बता रही आसपास साफ.-सफाई व्यवस्था अपनाने से बीमारियां नहीं होती हैं। जहां बीमारियां नहीं होती उस क्षेत्र का आम जनमानस स्वस्थ होता है। अच्छा स्वास्थ्य स्वच्छता की निशानी है। अफसोस यहां जिम्मेदारों की जिम्मेदारी नजरंदाज देखी जा रही। यही कारण है इस क्षेत्र में अधिकांश शौचालय अव्यवस्थाओं के शिकार बने हुए हैं। किसी की व्यवस्थाएं ठीक नहीं, तो किसी में केयरटेकर नहीं और तो और कोई शौचालय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का शिकार होकर अंतिम सांसें गिन रहा। ऐसे ही हालात एक एक सार्वजनिक शौचालय के देखने को मिले। जहां ग्रामीणों के अनुसार निर्माण के बाद उक्त शौचालय का ताला आज तक नहीं खुला। परिणामस्वरुप सार्वजनिक शौचालय के आसपास गंदगी का साम्राज्य देखा जा रहा है। झाडिय़ों में तब्दील सार्वजनिक शौचालय जहां आजकल ग्रामीण किसानों का कब्जा देखा जा रहा है। हम बात कर रहे हैं विकासखंड शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम समसपुर भिखारी मजरा ललौर जुन्नारदारान की। यहां पंचायती राज विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में लाखों रुपए की कीमत है एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। सार्वजनिक शौचालय का निर्माण होने के बाद ग्रामीणों को खुशी थी कम से कम उन्हें शौचक्रिया के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। कुछ दिन तक तो ग्रामीणों की खुशियां बरकरार रहीं, लेकिन कुछ समय बाद खुशियां काफूर हो गयीं। वर्ष 2020-21 में बनवाया गया सार्वजनिक शौचालय जो आजकल अव्यवस्थाओं का शिकार देखा जा रहा है। सार्वजनिक शौचालय के आसपास गंदगी का साम्राज्य देखा जा रहा। यहां ग्रामीण किसानों ने खरपतवार रखकर कब्जा जमा लिया। जिन ग्रामीणों को सार्वजनिक शौचालय का लाभ मिलना चाहिए था उनको लाभ नहीं मिल पा रहा है। मजबूरन ग्रामीण, बच्चे और महिलाएं खुले में शौच जाने को मजबूर है। ग्रामीणों ने बताया उन्होंने कई बार ग्राम प्रधान से शौचालय का ताला खुलवाए जाने की मांग की। इसके अलावा खंड विकास अधिकारी शमशाबाद को भी अवगत कराया। अफसोस यहां अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज भी शौचालय में ताला लगा हुआ देखा जा सकता है।