देश ही नहीं विदेश में भी नेटवर्क
आजमगढ़ पुलिस को साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने 190 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले गैंग का पर्दफाश किया, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन जूए का गैंग चलाता था. इस मामले में पुलिस ने 11 साइबर ठगों को गिरफ्तार किय है. इस दौरान पुलिस ने कुल 169 बैंक खातों से करीब 2 करोड़ रुपये फ्रीज किए हैं और 35 लाख रुपये का सामान बरामद किया है. बरामद सामानों में से 3 लाख 40 हजार रुपये नकद मिले हैं. पुलिस अन्य ट्रांजेक्शन का भी पता लगाने में जुटी है.
आजमगढ़: देश में साइबर ठगों से हर कोई परेशान है. साइबर ठग देश ही नहीं विदेशों तक अपना नेटवर्क फैलाए हुए हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब 190 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले 11 ठगों को गिरफ्तार किया गया. आरोपी आजमगढ़ के शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मकान में किराए पर रह रहे थे. 11 लोगों ने एक छोटे से कमरे में एक ऐसा कॉल सेंटर चला रहे थे जिसमें विदेशों तक ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से लोगों को अरबों रुपए का चूना लगा चुके थे. खुलासे के बाद आजमगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल में हड़कंप मच गया. हर किसी के घर में मोबाइल है और मोबाइल के अंदर गेम के जरिए साइबर ठग हर घरों तक पहुंच चुके हैं. आजमगढ़ शहर कोतवाली क्षेत्र के रैदोपुर मोहल्ले में चल रहे एक छोटे से मकान के अंदर कॉल सेंटर बनाकर साइबर ठग बेहद चालाकी से विदेश तक लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे थे. गिरफ्तार 11 आरोपियों में पूछताछ में बताया कि वह ऑनलाइन गेम कि पहले लोगों को लत लगने का इंतजार थे और फिर जब लोग गेम के आदी हो जाते थे तब हम उनके साथ ठगी करते है. यही नहीं गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उनके लिंक विदेश तक हैं. श्रीलंका, पाकिस्तान, दुबई जैसे देशों की सिम कार्ड उनके पास से बरामद की गई है. उन्होंने बताया कि इंटरनेट के माध्यम से हम दूसरे कंट्री के सिम कार्ड इस्तेमाल करते थे. पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि जिन ऑनलाइन गेम का इस्तेमाल करते थे. उनमें यह तीन गेम प्रमुख थे जैसे महादेव एप, अन्ना रेड्डी, लोटस. सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम ट्विटर के जरिए लोगों तक अपने विज्ञापन को भेजते थे. जिससे लोग ऑनलाइन गेम की तरफ आकर्षित होकर गेम खेलने के लिए जाते थे.
किराए के मकान में रहकर फैलाया जाल
दरअसल, गिरफ्तार आरोपियों में उड़ीसा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे. पूछताछ में यह भी पता चला है कि पिछले कई सालों से आजमगढ़ में किराए का मकान लेकर रहते थे और जिन मकानों में किराए पर रहते थे उन मकान मालिकों को यह बताते थे कि यह ऑनलाइन टीचिंग का काम करते हैं. जिससे मकान मालिक इन पर भरोसा करके इन्हें किराए पर रूम देते थे लेकिन खुलासे के बाद लोग हैरान हो गए हैं.आजमगढ़ पुलिस के खुलासे के दौरान यह पता चला कि आरोपियों के पास से 169 बैंक खातों में करीब 2 करोड़ रुपए हैं. जिसको पुलिस ने फ्रीज कर दिया है. फिलहाल अभियुक्तों के पास से 35 लाख रुपए का सामान भी बरामद किया गया है. जिसमें 3 लाख 40 हजार रुपए नगद और 51 मोबाइल, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक के पासबुक,, 19 सिम कार्ड 7 चेक बुक, 3 आधार कार्ड और एक जियो फाइबर बरामद किया गया है. इस मामले में आजमगढ़ पुलिस ने राम सिंह, संदीप यादव, विशाल दीप, अजय कुमार पाल, आकाश यादव, पंकज कुमार, प्रदीप क्षात्रिया, विकास यादव, आनंदी कुमार यादव, मिर्जा उमर बेग उर्फ उमर मिर्जा और अमित गुप्ता को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा विनय यादव और सौरभ फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है. पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने गिरफ्तार करने वाले पुलिस टीम को 25000 रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है.