लगभग 15 साल पहले लोगों ने खरीदी थी जमीन
दो साल पहले भी जारी हो चुके थे नोटिस
तीन दिन का भी समय नहीं दिया प्रशासन ने
कमालगंज, समृद्धि न्यूज। कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव फतेहउल्लापुर में अवैध निर्माण को हटाने गए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान प्रशासन से अतिक्रमणकारियों की तीखी नोकझोंक भी हुई।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को फतेहउल्लापुर में अतिक्रमण को हटाने नायब तहसीलदार सहित भारी पुलिस बल भी पहुंचा। नायब तहसीलदार तथा राजस्व कर्मचारियों ने बताया कि यह विवादित भूमि थी। इस पर 18/67 का मुकदमा सिविल कोर्ट में चल रहा था। जिस पर ग्रामीणों की तरफ से चल रहे मुकदमे को खारिज कर दिया गया। यही नहीं प्रशासन ने कुछ दिन पहले कानूनी तौर से नोटिस ग्रामीणों को दिए गए थे, लेकिन उसके बावजूद भी ग्रामीणों ने वह जगह नहीं छोड़ी। इसके बाद प्रशासन को अपनी कार्यवाही करनी पड़ी। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यहां हमने लगभग 15 साल पहले जमीन खरीदी थी। तब तक यहां कोई भी बात नहीं थी, लेकिन पिछले लगभग तीन साल से यहां विवाद किया जा रहा है। जिसके चलते हम लोगों ने न्यायालय सिविल कोर्ट में मुकदमा भी किया था। जिसको खारिज कर दिया गया तथा उसके बाद हमने मुकदमा दोबारा किया। उसके बाद हम लोगों को नोटिस उपलब्ध कराए गए, लेकिन समय नहीं दिया गया। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि हमने 8 दिन का समय मांगा था, तो वहीं कुछ ग्रामीणों ने कहा कि हमने तीन दिन का ही समय मांगा था, लेकिन हमारी नहीं सुनी गयी। इसके बाद प्रशासन से कुछ ग्रामीण गुहार लगाते नजर आए, लेकिन प्रशासन नहीं माना। इसके बाद कुछ लोगों ने जेसीबी मशीन के आगे खड़े होकर निर्माण ना गिरने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन के आगे नहीं चली और अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। वहीं नायब तहसीलदार ने बताया कि ग्रामीणों का मकान ना गिराने के लिए कोई भी आदेश नहीं मिला है। एक ग्रामीण ने तो अपनी दुकान में आग लगा दी, लेकिन इसके बाद भी उसकी दुकान ध्वस्त कर दी गयी। खास बात यह रही कि इस कार्यवाही में प्रधान को सूचना ही नहीं दी गई। बताते चले लगभग ढाई साल पहले लेखपाल के द्वारा 18/67 की कार्रवाई की गई थी। जिसके तहत मुकदमा चल रहा था। कोर्ट ने ग्रामीणों की याचिका को खारिज कर दिया। इस मौके पर ग्रामीण बजरंगी, विनीता, उमेश, नाटी उर्फ प्रदीप, सुरेश, हरिश्चंद्र, वीर सहाय सहित लगभग आठ लोगों के दुकान एवं मकान को ध्वस्तीकरण किया गया। इस मौके पर नायब तहसीलदार तथा लेखपाल सहित राजस्व कर्मचारीगण व भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा।