फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने 26 नम्बर मंगलवार को तीन कृषि कानून को विरोध दिवस के रुप में मनाया।
4 साल पहले 26 नवंबर को भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा के साथ मिलकर के तीन कृषि काले कानून को सरकार से वापस कराया था। इसी को लेकर के भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने आज के दिन को विरोध दिवस के रूप में मनाया और पूरे भारत में किसान संगठनों ने किसानों की समस्याओं को लेकर कलेक्टे्रट पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा और बैठक कर विचार रखे। भेजे गये ज्ञापन में दर्शाया कि हम मजदूर और किसान पूरे भारत में मुद्दों को उजागर करने और निवारण करने की मांग के लिए संयुक्त रुप से विरोध कर रहे है। प्रमुख उत्पादन शक्तियों के पक्ष में हस्तक्षेप हो। २०२० को आज ही के दिन तीन कानूनों के खिलाफ संसद की ओर अपना ऐतिहासिक मार्च किया गया। किसानों ने लम्बे समय तक संघर्ष किया और कानून वापस लिये गये। जबकि किसानों से किये गये वादे आज तक पूरे नहीं किये गये है। कारपोरेट्स और सुपररिच की नीतियें के कारण गहरे संकट का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने मांग की है कि बुनियादी अधिकार की रक्षा के लिए हम संघर्षरत है। पुरानी पेंशन बहाल हो, सेवानिवृत्तों का अधिकार हो। खाद और स्वास्थ्य सुरक्षा का निवारण हो। कानूनी तंत्र की बहाली हो। किसानों और गरीबों को कृषि संकट से मुक्ति दिलायी जाये, आदि मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर बुंदेलखंड कानपुर जोन के उपाध्यक्ष प्रभाकांत मिश्राए जिला अध्यक्ष अरविंद शाक्यए जिला प्रवक्ता अजय कटियार, लक्ष्मीशंकर जोशी, कृष्णगोपाल, अभय यादव, शिवराम शाक्य, संजय यादव, सुशील बाबा, अनीस सिंह, यादवेन्द्र सिंह, हरिशंकर, ज्ञानसिंह, बाबू बुंदेला, धर्मेन्द्र, अवनीश कुमार, अजीत कुमार चौबे, सतीश, सुरेश सिंह, ताहर सिंह, अखिलेश मिश्रा, जयचन्द्र सिंह, रमेश सिंह, कमलेश, विश्राम सिंह, कैलाश कटियार, राम कुमार यादव, रामस्वरुप, बलवीर आदि लोग मौजूद रहे।