फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। भोलेपुर स्थित आर्य समाज मंदिर में संचालित गुरु विरजानंद आर्ष गुरुकुल के नवीन शिक्षण सत्र के लिए आज ब्रह्मचारियों का वेदारम्भ संस्कार सम्पन्न हुआ। गुरुकुल के आचार्यों के निर्देशन में बालकों को यग्योपवीत धारण कराकर उनका उपनयन संस्कार किया गया। आचार्य ओमदेव शास्त्री ने ब्रह्मचारियों को गुरुमंत्र देकर उन्हें शिक्षण अवधि में अनुशासित रहने का व्रत दिलवाया। अध्यक्षता मंत्री डॉ0 शिवराम सिंह आर्य ने की। उन्होंने कहा वेदारंभ संस्कार एक व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस संस्कार का उद्देश्य व्यक्ति को वेदों का ज्ञान प्रदान करना है। जिससे वह जीवन के सभी मूल्यों का सही रूप से पालन कर सके। आज मानवीय मूल्यों की पुनस्र्थापना हेतु हमे स्वामी दयानंद सरस्वती की बातों का अनुशरण करते हुए वेदों की ओर लौटना होगा। आचार्य संदीप आर्य ने कहा कि वैदिक काल मे गुरुकुल भारतीय संस्कृति की रीड़ हुआ करते थे, इस लोक से लेकर परलोक तक कि उन्नति का मार्ग गुरुकुलों से प्रसस्त होता था। जिसके लिए गुरुकुलों की स्थापना व सहयोग अत्यंत आवश्यक है। आर्य समाज अपने स्थापना काल से इस दिशा में प्रयासरत है, जिसका परिणाम है कि आज देश मे संस्था के सैकड़ों गुरुकुल बालक व बालिकाओं को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार दे रहे हैं। समाज के लोगों को भी इसमें सहयोग करने की आवश्यकता है। हरिओम शास्त्री व आचार्य रामप्रकाश आर्य ने यज्ञ सम्पन्न कराया। पतंजलि महिला समिति की प्रभारी अर्चना द्विवेदी व उनकी टीम के द्वारा ब्रह्मचारियों को पुरस्कार व वस्त्रादि भेंट किये गए। इस अवसर पर राहुल वर्मा, जयपाल शास्त्री, प्रकाश नारायण आर्य, सुरेश चंद्र वर्मा, दफेदार आर्य, डॉ0 गौरव वर्मा, साहिल आर्य, अमित आर्य, मीरा सक्सेना, सुमन चौहान, शशिकला दीक्षित आदि उपस्थित रहे।