सत्संग करने से पुण्य का फल प्राप्त होता है
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। छतीसवां मानस सम्मेलन सत्संग भवन पंडाबाग में सूर्य पूजन के साथ शुरू हुआ। विद्वान पंडित रामेंद्र नाथ मिश्र ने वैदिक रीति वेद मंत्रों के साथ स्वस्ति वाचन मंगला चरण के साथ श्री गणेश एवं देवी देवताओं व सूर्य भगवान का पूजन किया। मुख्य यजमान विशेष पाठक, डा0 हेम सिंह उनकी पत्नी मालती देवी, डा0 रामबाबू पाठक, आलोक गौड़, अशोक रस्तोगी ने पूजन किया। मानस सम्मेलन में संत शिरोमणि स्वामी रामानंद सरस्वती, संपूर्णानंद सरस्वती, श्यामानंद महाराज, संपूर्णानंद महाराज, सुखदेवानंद, राजेश्वरानंद, रामेश्वरानंद महाराज, लक्ष्मीनारायण महाराज, देवीनंद महाराज, शिवानंद महाराज, विद्यानंद महाराज आदि ग्यारह संतो ने मंच से आशीर्वाद दिया। मानस के संयोजक डा0 रामबाबू पाठक ने 36 वर्षो से मानस सम्मेलन की प्रगति, सत्संग की महिमा, सम्मेलन का उद्देश्य, रामचरित्र मानस का जनजीवन में प्रचार प्रसार पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि सूर्य का जीवन के अंधकार को दूर करने के लिए किया जाता है। सूर्य चंद्रमा से ज्यादा शक्तिशाली है इसलिए सूर्य का पूजन किया जाता है। सामाजिक समरसता का विकास हमारा मुख्य उद्देश्य है। वाणी हम मधुर बोले तभी समरसता का उद्देश्य पूरा होगा। सत्संग करने से पुण्य का फल प्राप्त होता है। सत्संग एक अविरल धारा है जो बराबर चलती रहती है। हम सत्य और मीठी वाणी बोले तभी हमे सत्संग का लाभ मिलता है। इस मौके पर सुरजीत पाठक उर्फ बंटू, अशोक रस्तोगी, आलोक गौड़, ब्रजकिशोर सिंह किशोर, भारत सिंह, नरेश दुबे, ब्रजेंद्र श्रीमाली ने रामदरबार की अंत में आरती उतारी और सभी संतो का आशीर्वाद लिया। संचालन पंडित रामेंद्रनाथ मिश्रा ने किया।