पुल गिरने के मामले में बिहार सरकार ने किए 15 इंजीनियर सस्पेंड

  • 20 दिनों के अंदर कई पुलों के गिरने की घटना
  • पुल गिरने के मामले की जांच के बाद फैसला

बिहार में 12 पुल गिरने के मामले में बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में 15 इंजीनियर को निलंबित किया गया है. दो इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिन इंजीनियर को सस्पेंड किया गया है, उसमें 4 ग्रामीण कार्य विभाग के और 11 जल संसाधन विभाग के हैं. 2 कार्यपालक अभियंता, 4 सहायक अभियंता , 2 कनीय अभियंता  समेत 15 इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया है. इसके साथ ही मातेश्वरी कंस्ट्रक्शन कंपनी पर भी गाज गिरी है. सरकार ने इसे ब्लैक लिस्ट कर दिया है. जांच समिति द्वारा जल संसाधन विभाग को जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह एक्शन हुआ है.जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा है कि जांच में इंजीनियर्स की लापरवाह और निगरानी को अप्रभावी पाया गया है. इसके कारण राज्य में कई छोटे पुल ढह गए. पुल गिरने की ये घटनाएं सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिले से सामने आई हैं.

विभाग ने लिया एक्शन

उन्होंने बताया कि विभागीय उड़नदस्ता की जांच में पाया गया कि कार्य के दौरान संबंधित अभियंताओं ने नदी पर अवस्थित पुल-पुलिया को सुरक्षित रखने को लेकर उचित कदम नहीं उठाए। उन्होंने बताया कि इन पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यान्वयन से संबंधित दोषी जल संसाधन विभाग के 11 अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है। इनमें कार्यपालक अभियंता अमित आनन्द और कुमार ब्रजेश, सहायक अभियंता राजकुमार, चन्द्रमोहन झा, सिमरन आनन्द और नेहा रानी तथा कनीय अभियंता मो. माजिद, रवि कुमार रजनीश, रफीउल होदा अंसारी, रतनेश गौतम तथा प्रभात रंजन शामिल हैं।

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