नई दिल्ली: चंपई सोरेन पर सस्पेंस खत्म हो गया है. चंपई सोरेन अब भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले जेएमएम के लिए यह बड़ा झटका है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कन्फर्म किया है कि चंपई सोरेन भाजपा में शामिल होंगे. इससे पहले दिल्ली पहुंचने पर चंपई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से पार्टी नेतृत्व पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि लगातार अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैंने सियासत में नए विकल्प को अपनाने का फैसला किया है। चंपई ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि लगातार अपमान और तिरस्कार के बाद उनके सामने राजनीति से संन्यास लेने, अपना संगठन खड़ा करने या नए साथी के साथ सफर करने का विकल्प बचा था। मेरे लिए विधानसभा चुनाव तक के सफर के लिए विकल्प खुले हुए हैं। अपमान और तिरस्कार के कारण मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया। आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सोरेन 30 अगस्त को रांची में पार्टी में शामिल होंगे. हिमंत बिस्व सरमा यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सोरेन की मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी शर्मा भी बैठक में शामिल थे. हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हमारे देश के दिग्गज आदिवासी नेता चंपई सोरेन ने कुछ समय पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. वह 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल होंगे.’ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता सोरेन ने पार्टी नेतृत्व पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था और घोषणा की थी कि वह जल्द ही अपने अगले राजनीतिक कदम के बारे में फैसला करेंगे. यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन ने ही मुख्यमंत्री बन पार्टी और झारखंड की कमान संभाली थी. हेमंत के जेल से बाहर आते ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. इससे पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा था कि वह राजनीति नहीं छोड़ेंगे और नया सियासी दल बनाने का विकल्प उनके लिए हमेशा खुला है. चंपई सोरेन ने कहा था कि वह ‘झामुमो नेताओं के हाथों अपमान का सामना करने’ के बाद अपनी योजनाओं पर अडिग हैं. इस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि उन्होंने अपना पूरा जीवन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को समर्पित कर दिया है. बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को झारखंड का सीएम बनाया गया था। उन्होंने फरवरी से जुलाई तक सीएम के पद पर कार्य किया। वह 2005 से प्रत्येक चुनाव में विधानसभा के लिए चुने गए हैं। झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है।
चंपई सोरेन परिवार के सबसे करीबियों में से एक रहे हैं। इसका अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने सीएम पद की जिम्मेदारी चंपई को दी। बताते हैं कि हेमंत के जेल से बाहर आने के बाद जिस प्रकार उन्हें आनन फानन सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, उससे वह आहत थे।
भाजपा के लिए लाभ का सौदा
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने झामुमो के हाथों सभी पांच सुरक्षित सीटें गंवा दी थी। आदिवासी बिरादरी की नाराजगी का आलम यह था कि केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन मुंडा भी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। चूंकि चंपई सोरेन परिवार के करीबी और आदिवासी वर्ग के दिग्गज नेता हैं, ऐसे में चंपई की बगावत से झामुमो को नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है।