- बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने की निंदा
- बांग्लादेश के हिंदू समुदाय में आक्रोश
इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने हिरासत में लिया है. इसको लेकर इस्कॉन ने कहा है कि हमें परेशान करने वाली खबरें मिली हैं कि चिन्मय दास को पुलिस ने हिरासत में लिया है. बांग्लादेश सरकार चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा करे. भक्तों की सुरक्षा के लिए हम भगवान कृष्ण से प्रार्थना करते हैं. इस्कॉन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यह बेबुनियाद आरोप लगाना अपमानजनक है कि इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना है. इस्कॉन भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने और बांग्लादेश सरकार से बात करने का आग्रह करती है. भारत सरकार बांग्लादेश को यह बताए कि हम एक शांतिप्रिय भक्ति आंदोलन चलाते हैं. इस पोस्ट में इस्कॉन ने पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशकंर, विदेश मंत्रालय, बांग्लादेश में भारतीय दूसावास और बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय को टैग किया है. बता दें कि बांग्लादेश पुलिस ने सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल एयरपोर्ट इलाके से चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया.
पुलिस की खुफिया शाखा के प्रवक्ता ने बताया कि चिन्मय दास को पुलिस के कहने पर हिरासत में लिया गया है. आगे की कार्रवाई के लिए उनको संबंधित थाने को सौंपा जाएगा. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने इसकी निंदा की है. परिषद ने कहा कि इससे दुनिया में बांग्लादेश की छवि खराब हो सकती है. सनातनी जागरण जोत के प्रमुख आयोजक ने कहा कि दास को चटगांव जाना था.
30 अक्टूबर को चटगांव के कोतवाली थाने में चिन्मय दास समेत 19 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ. उन पर हिंदू समुदाय की एक रैली में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है. उधर, चिन्मय दास के खिलाफ हुई इस कार्रवाई से बांग्लादेश के हिंदू समुदाय में आक्रोश है. सैकड़ों लोग चटगांव के चेरागी पहाड़ चौराहे पर सड़कों पर उतर आए. लोगों ने उनकी रिहाई की मांग की