2 लाख 5 हजार की नगदी तथा सोने चांदी के आभूषण एवं घरेलू सामान जला
फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने पहुंचकर आग पर पाया काबू
लेखपाल कानूनगो ने पहुंचकर की जांच पड़ताल
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। थाना क्षेत्र की गंगा कटी में बसे गांव समैचीपुर चितार मेंं मंगलवार की दोपहर अज्ञात कारणों से आग लग गई। पछुआ हवाओं के चलते आग ने धीरे-धीरे विकराल रुप धारण कर लिया और पास की आठ झोपिडय़ों में भी आग लग गयी।
ग्रामीण इबली हसन की झोपड़ी जिसमे दोपहर के समय अज्ञात कारणों से आग लग गई पछुआ हवाओ के चलते आग शोला बन गई। देखते ही देखते झोपड़ी धू-धू कर जलने लगी। जब लोगों को पता चला तो जान बचाना मुश्किल हो गया। जैसे तैसे बाहर निकाल कर अपनी अपनी जान बचाई। इस दौरान झोपड़ी के अंदर रखी 35 हजार रुपए की नगदी व घरेलू सामान जलकर राख हो गया। पड़ोसी शाकिर अली की झोपड़ी भी आगजनी की घटना का शिकार हो गई। इस घटना में शाकिर अली की 50 हजार रुपये की नगदी रेती की जलकर खाक हो गई। वहीं शहजाद के झोपड़ीनुमा मकान में रेती की ४० हजार की नगदी रखी हुई थी वह भी जलकर राख हो गई। बिंदुखा की झोपड़ी जलने से घर गृहस्थी के समान के साथ-साथ ५० हजार की नगदी व सोने चांदी के आभूषण मड़ाई के बाद घर लाया गया जलकर राख हो गया। इसके साथ ही ४० कुंतल भूसा, पचास बोरी गेंहू जलकर खाक हो गया। यही के रहने वाले पीर मुहम्मद की झोपड़ी भी आग की भेंट चढ़ गई। इस घटना में पीर मोहम्मद की 30 हजार रुपये की नगदी व सोने चांदी के आभूषण में सोने की झाले, सोने की नथुनी, अंगूठी, कमरबंद तथा सारा घर गृहस्थी का सामना जल गया।
बताया गया बिंदुखा के घर में रखा गैस सिलेंडर फट गया, हालाकि घर में तीन सिलेंडर थे। वहीं एक सिलेंडर फट गया। मौके पर अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने दिलेरी का परिचय देकर जैसे तैसे दो गैस सिलेंडरों को बाहर सुरक्षित निकाला, लेकिन एक सिलेंडर फट गया। हालाकि सिलेंडर फटने के बाद किसी की भी जन हानि हुई थी।
जिस समय झोपडिय़ो में आग लगी। तो आग बुझाने के लिए लोगों ने डीजल इंजन पंपसेट भी चलाये और सूचना 112 पर दी। सूचना के बाद पुलिस कर्मी व दमकल विभाग के कर्मचारी भी पहुंच गये और और आग बुझाने की कोशिश की। दमकल विभाग के कर्मचारियों के सहारे लगभग डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आगजनी की घटना के बाद क्षेत्रीय कानूनगो राम सिंह मौके पर पहुंचे और नुकसान का आकलन किया। लेखपाल ने बताया आगजनी की घटना में हुए नुकसान की रिपोर्ट प्रशासनिक अधिकारियों को भेजी जाएगी। आगजनी के बाद में पीडि़त परिजनों के चेहरे में मायूसी थी। क्योंकि उनके पास न तो खाने के लिए राशन बचा और ना ही पहनने के कपड़े। सबसे बड़ी बात यह थी शाम तक किसी भी समाजसेवी जनप्रतिनिधि के पहुंचने का समाचार नहीं मिला था।