फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। ग्राम घारमपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कंस वध व रास लीला की कथा सुन श्रोता मंत्र मुग्ध हुए। आचार्य प्रदीप कुमार ने कंस वध की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस का अत्याचार जब बढऩे लगा तो भगवान श्रीकृष्ण वंृदावन छोडक़र मथुरा गये। वहां पर जाकर कंस ने कृष्ण को देखते ही गिरफ्तार करने का आदेश दिया। जैसे ही सैनिक आगे बढ़े तो उन्होंने अपने बल से उन्हें धराशाही कर दिया। अंत में कृष्ण को मारने जब कंस आगे बढ़ा तभी मथुरावासियों ने इस युद्ध को देखने की उत्सुकता बढ़ी। कंस और कृष्ण का युद्ध हुआ। श्रीकृष्ण ने कंस को पराजित कर उसका वध किया। कंस का वध होते ही जयकारों से मथुरा गूंज उठा। पृथ्वी से लेकर आकाश तक श्रीकृष्ण के नाम के उद्घोष होने लगे और आताताई कंस का उद्धार हुआ। कारागार में बंद देवकी और वासुदेव को मुक्त कराया गया। साथ ही उत्सव मनाया गया। आचार्य प्रदीप कुमार ने कन्हैया की रास लीला का वर्णन किया। कथा सुन श्रोता मंत्र मुग्ध हुए। परीक्षित बने ठा0 सर्वेन्द्र सिंह ने अपनी पत्नी के साथ श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया। कथा के आयोजक कुलदीप सिंह ने व्यवस्था देखी। आरती के साथ प्रसाद बांटा गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।