यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म है: आचार्य चन्द्रदेव शास्त्री

तीन दिवसीय आर्य समाज के वार्षिकोत्सव का हुआ समापन
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। राजेपुर क्षेत्र के गांव कमलुद्दीनपुर में चल रहे आर्य समाज का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव व ज्ञानज्योति महोत्सव का समापन हुआ। प्रात:काल आयोजित पूर्णाहुति यज्ञ में भारी संख्या में ग्राम वासियों ने भाग लिया। आचार्य शिवपाल आर्य ने वैदिक मंत्रों से यज्ञ सम्पन्न कराया। ग्रामवासियों ने यज्ञ में आहुतियां डालकर परमात्मा से सुख समृद्धि की कामना की। आचार्य ने लोगों को पाखण्ड तथा सामाजिक कुरीतियों को छोडऩे का संकल्प कराया। आचार्य चंद्रदेव शास्त्री ने कहा कि यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म है। ये संसार के सभी जड़ चेतन देवताओं के ऋण से मुक्त कराता है। यह पारलौकिक कामनाओं की पूर्ति के साथ साथ लौकिक कामनाओं की भी पूर्ति करता है। यज्ञ करने वाला व्यक्ति परमात्मा का सच्चा उपासक है। महर्षि दयानंद सरस्वती ने हमें यज्ञ के सही स्वरूप से परिचित कराया।
आचार्य संदीप आर्य ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का सबसे अच्छा साधन यज्ञ है। आज अनेकों वैज्ञानिक अनुसंधान इसका प्रमाण है। मनुष्य ने अपने स्वार्थपूर्ति के लिए प्रकृति के तत्वों का अंधाधुंध दोहन कर प्राकर्तिक संतुलन को बिगाड़ दिया। इसी का परिणाम है कि आज ऋतुएं बदल रही हैं। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं। समय अत्यंत दुखदाई होगा, इसलिए हमें अभी से चेतना होगा। संयमित जीवन शैली व यज्ञ व योग के द्वारा हमें अपने जीवन को उन्नत बनाने का प्रयास करना चाहिए। किरण शास्त्री ने महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर अपने गीतों के माध्यम से उनकी जीवन गाथा का गुणगान किया। उन्होंने कहा की महाराणा प्रताप ने देश के स्वाभिमान के खातिर महलों को छोडक़र जंगल-जंगल खाक छानी पर कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। मगर आज उनके वंसजों ने उनके गौरव को भुला दिया। आज हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। उदिता आर्या ने देशभक्ति गीत के माध्यम से राष्ट्रभक्ति की अलख जलाई। कार्यक्रम में श्यामानंद बाबा, सुरेन्द्र सिंह, सर्वेश सिंह, रमाकांत आर्य, शिवनारायण आर्य, प्रेमपाल आर्य, सुरेंद्र सिंह वर्मा, राजकुमार आर्य, चंद्रहास सिंह, राजवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।

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