राज्यपाल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का प्रथम दीक्षांत समारोह।
अमिताभ श्रीवास्तव
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का प्रथम दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्यपाल ने 83 मेधावी छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया।इनमें 18 कुलाधिपति सम्मान और 65 कुलपति सम्मान शामिल थे।गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में 17 छात्र और 66 छात्राएं थीं।राज्यपाल ने इस अवसर पर विद्यार्थियों के अंकपत्रों और उपाधियों को डिजिलॉकर में अपलोड किया।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने महर्षि दुर्वासा, दत्तात्रेय और सोम ऋषि की पावन तपोभूमि को नमन करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने विकास के प्रथम चरण में है और इसे श्रेष्ठ एवं उन्नत ज्ञान विज्ञान के केंद्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहाँ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत अत्यंत प्रेरणादायक है, और यह संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की अपार संभावनाएं रखता है।इस अवसर पर राज्यपाल ने मेडल प्राप्तकर्ताओं में छात्राओं की संख्या अधिक होने पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पदक प्राप्त करने वाली बेटियां विशेष रूप से बधाई की पात्र हैं।यह न केवल प्रशंसनीय है बल्कि समाज के सर्वांगीण विकास में उनकी सशक्त भूमिका का प्रतीक भी है। उन्होंने इस प्रदर्शन को समाज के लिए सकारात्मक और उत्साहवर्धक संदेश बताया। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब बेटियों को पढ़ने के लिए अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था लेकिन आज की बदलती परिस्थितियों में बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।हर मां को अपनी बेटी का सम्मान करना चाहिए और उसे शिक्षा के सभी अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास करना चाहिए।यह विकसित भारत है और हर बच्चे का अधिकार है कि वह पढ़े और स्वस्थ जीवन जिए।राज्यपाल ने उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी विशेष रूप से बधाई दी।उन्होंने कहा कि यह गौरव का क्षण केवल विद्यार्थियों के लिए नहीं,बल्कि उनके माता पिता और अभिभावकों के लिए भी है,जिन्होंने अपने बच्चों को इस मुकाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
समारोह के दौरान राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए 356 आंगनबाड़ी किटों का वितरण किया।साथ ही उन्होंने प्राइमरी स्कूल,कंपोजिट विद्यालय और जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।राज्यपाल ने शिक्षा और पोषण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों का सशक्तिकरण आवश्यक है, जिससे बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।राज्यपाल ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह केवल उनका व्यक्तिगत सम्मान नहीं है,बल्कि पूरे समाज का गर्व का क्षण है।उन्होंने कहा कि वे देश का भविष्य हैं और उनको इस सम्मान की गरिमा को बनाए रखना चाहिए।उन्होंने विद्यार्थियों से कहा की वे ग्रामीण इलाकों में जाकर वहां की समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करें।इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो0 राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी, विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय,प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार शर्मा ने भी छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।इस अवसर पर जनप्रतिनिधि विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद विद्यापरिषद के सदस्य,सम्बद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाएं, विद्यालयों के प्रधानाध्यापक सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां व स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।