राज्यपाल की अध्यक्षता में हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय कानपुर का छठवां दीक्षांत समारोह संपन्न
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर का छठवां दीक्षांत समारोह संपन्न हो गया।समारोह में राज्यपाल ने प्राविधिक शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रमों के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को 899 उपाधियाँ प्रदान कीं।इस दौरान 48 मेडल मेधावी विद्यार्थियों को दिए गए,जिनमें 04 चांसलर मेडल और 44 उपकुलपति मेडल शामिल थे। मेडल प्राप्त करने वालों में 21 छात्राएं और 27 छात्र शामिल थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने छात्राओं की संख्या और उनके प्रदर्शन पर विशेष ध्यान दिलाते हुए कहा कि छात्रों की तुलना में छात्राओं का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कम है,जो चिंतनीय है।उन्होंने छात्राओं से कहा की कि वे प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक मेहनत और लगन से अध्ययन करें ताकि अगले दीक्षांत समारोह में उनके उत्कृष्ट परिणाम और अधिक स्पष्ट रूप से दिखें।उन्होंने ने यह भी कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनके बेहतर प्रदर्शन से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।राज्यपाल ने विद्यार्थियों को अनुशासन का महत्व समझाते हुए कहा कि जीवन में अनुशासन बनाए रखना जरूरी है।अनुशासन से न केवल व्यक्तित्व निखरता है,बल्कि समाज में अलग पहचान भी बनती है।अनुशासित रह कर ही वे समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन कर सकेंगे। अनुशासित व्यक्ति ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होता है और समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करता है।राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग के ज्ञान का लाभ उठाते हुए देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के युवा ही भारत का उज्जवल भविष्य और राष्ट्र निर्माता हैं।अपने भविष्य के जो भी लक्ष्य आप निर्धारित करें उन्हें प्राप्त करने के लिए पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ प्रयत्न करते रहें।इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आज का युग केवल ज्ञान का नहीं है बल्कि ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दुनिया में वही देश प्रगति कर रहे हैं जो इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दे रहे हैं।पिछले दस वर्षों में देश ने विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी क्षमता का परिचय दिया है।राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।आज पूरी दुनिया की दृष्टि भारत पर है,देश में तीव्र गति से हो रहे विकास के कारण विश्व के सभी देश भारत के साथ व्यापारिक संबंध बनाने को उत्सुक है क्योंकि देश में उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि भारत में निर्माण के क्षेत्र में अत्यधिक विकास हुआ है,जिसके कारण देश का निर्यात बढ़ा है।उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की इस वर्ष प्रस्तुत बजट में कौशल विकास रोजगार नवाचार स्टार्टअप्स के लिए केंद्र सरकार द्वारा विशेष प्रावधान किया गया है,जो 2047 तक आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने का रोड मैप है।उन्होंने कहा कि यह हमारे प्रधानमंत्री जी का विजन एवं विकासोन्मुख सोच का ही परिचायक है कि इस वर्ष के बजट में विद्यार्थियों की शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए 125 करोड रुपए का प्रावधान किया है,जो अब तक का सबसे अधिक बजट है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बजट में सीएसआर के माध्यम से एक करोड़ विद्यार्थियों को आने वाले पांच वर्षों में प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थानों में पेड इंटर्नशिप का प्रावधान है।राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि देश में बदलते परिवेश के कारण अब शोध एवं नवाचार को गति मिल रही है।अब हमारे युवा स्टार्टअप के माध्यम से नवाचार कर रोजगार ढूंढने वाले के स्थान पर रोजगार देने वाले बन रहे हैं। इसमें केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के अंतर्गत युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन गेम्स के धोखाधड़ी से बचने का निर्देश देते हुए कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।सफल होने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को अपने गोद लिए गांवों में जाकर वहां की समस्याओं को जानने और उनके निराकरण के लिए कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभाए और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग दे।इस अवसर पर, राज्यपाल ने स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए राजभवन की तरफ से पुस्तकें भी प्रदान की जिनका उपयोग छोटे छोटे बच्चे कर सकेंगे।उन्होंने कहा कि बच्चों को पुस्तक पढ़ने की आदत डालने से उनका बौद्धिक विकास होगा और उन्हें नई चीजें सीखने का अवसर मिलेगा।राज्यपाल ने इटावा के मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम को राजभवन में किये गये नवाचारों पर आधारित पुस्तक ‘हमारा राजभवन‘ तथा एक मेडिकल किट भी भेंट की और निर्देश दिया कि इसी प्रकार की किटें आंगनबाड़ी केंद्रों को भी प्रदान की जाएं।उन्होंने कहा कि इन किटों से आंगनवाड़ियों में बच्चों की बेहतर देखभाल की जा सकेगी और उनके स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखा जा सकेगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के दो भवनों इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग एवं केमिकल इंजीनियरिंग भवन तथा स्कालर रोड का लोकार्पण किया। उन्होंने ‘समर्थ पोर्टल‘ का शुभारंभ भी किया तथा सभी उपाधियों,अंकपत्रों तथा प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन डिजीलॉकर में अपलोड किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के द्वारा गोद लिए गए पांच गावों के विद्यालयों में विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं खेल,निबन्ध लेखन,कला,शिल्प आदि के विजेताओं को पुरस्कृत किया तथा विजेता गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों के रूप में चुने गए विश्वविद्यालय के छह संकाय सदस्यों को भी प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।राज्यपाल ने आंगनबाड़ियों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए 200 आंगनवाड़ी किटों का भी वितरण किया। मुख्य अतिथि पद्मश्री, प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने सभी डिग्री प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और खुद को सफल पेशेवर के रूप में विकसित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सक्रीय योगदान देने के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर इटावा जनपद के मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समशेर सिंह,विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद के सदस्य,शिक्षक,छात्र छात्राएं, विभिन्न विद्यालयों से आए बच्चे, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां आदि उपस्थित रहे।
अमिताभ श्रीवास्तव