संस्कार भारती कार्यशाला में छात्राओं को पारांगत कर रही है स्नेेहा श्रीवास्तव

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। संस्कार भारती की कार्यशाला में बच्चों को बड़े ही मनोभाव से कथक में पारांगत कर स्नेहा श्रीवास्तव प्रशिक्षण दिया। बच्चों को तीन ताल सलामी पैरों के चक्कर, गुरु वंदना एवं भारतीय कत्थक सिखाया।
स्नेहा श्रीवास्तव ने बताया उत्तर भारत में कत्थक नृत्य भारती परंपराओं में वैदिक रचनाओं की कथानक के आधार पर ईश्वर वंदना आराधना के साथ भावनृत्य के माध्यम से भक्ति करती है। परंपरागत समय पर परिवर्तन आया। मुगल काल में दरबारी नृत्य बना, आधुनिक काल में आधुनिक हुआ। संस्कार भारती द्वारा हम अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए ईश्वर की भक्ति में कला की साधना के माध्यम से कत्थक नृत्य को युवा पीढ़ी को जागृत कर रही है। कथक नृत्य शैली को वैदिक कलाओं पर आधारित मुगल शैली और आधुनिक शैली में बच्चों को प्रशिक्षण में शास्त्री नृत्य के अंतर्गत भावनृत्य में प्रणाम, ईश्वर वंदना, तीन ताल सलामी, गुरु वंदना, पैरों की गति में चक्कर, सिद्धांत बता रही हूं। संस्कार भारती की आभारी हूं। जिसमें मुझे सेवा का अवसर दिया। बच्चे अपनी-अपनी रुचि के अनुसार बड़े चाव से सीख रहे हैं। यह भारत के भविष्य हैं जो नया भारत भारतीय संस्कृति में बनाएंगे। कार्यशाला की व्यवस्था प्रांतीय महामंत्री सुरेंद्र पाण्डेय, डॉ0 नवनीत गुप्ता, डा0 सर्वेश श्रीवास्तव, कुलभूषण श्रीवास्तव, अरविंद दीक्षित, नरेंद्र मिश्रा, रामेंद्र कमठान आदि ने देखी।

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