अवधारणाओं को साम्प्रातिक नैतिकता की आधुनिक समाज एवं शिक्षा पर डाला गया प्रकाश

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। भारतीय महाविद्यालय में द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ डा0 संदीप द्विवेदी ने वैदिक मंत्र एवं मंगलाचरण के साथ किया। संगोष्ठी का विषय भारतीय ज्ञान परंपरा के आलोक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० है। सरस्वती वंदना महाविद्यालय की छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत की। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया। मुख्यअतिथि रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली के शिक्षा शास्त्र विभाग प्रो0 केके चौधरी व विशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय संकाय प्रमुख एवं अध्यक्ष, शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रो0 दिनेश कुमार रहे। अध्यक्षता महाविद्यालय के अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिपाठी ने की। प्राचार्य डा0 रमन प्रकाश ने अतिथियों का वाचिक स्वागत व परिचय दिया। संगोष्ठी समन्वयक डा0 रमाशंकर ने कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की। वक्ताओं ने भारतीय ज्ञान परंपरा की आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता व मूल्य पर प्रकाश डाला। सचिव डा0 मधुप कुमार ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन हिन्दी विभागाध्यक्ष डा0 आलोक बिहारी लाल ने किया। तकनीकी सत्र प्रथम डा0 संदीप कुमार द्विवेदी के संचालकत्व में सम्पन्न हुआ। अध्यक्षता डा0 आशीष अग्निहोत्री ने की। मुख्य वक्ता डा0 सर्वेश कुमार शाण्डिल्य ने ईशावास्यमिदं सर्व, नान्य: पन्था: विद्यतेयनाय आदि औपनिषदिक नैतिक अवधारणाओं को साम्प्रातिक नैतिकता की आधुनिक समाज एवं शिक्षा में उपयोगिता पर प्रकाश डाला। विशिष्ट वक्ता के रुप में एनएकेपी डिग्री कालेज की विभागाध्यक्ष शिक्षा शास्त्र की प्रो0 पारुल मिश्रा ने नई शिक्षा नीति की आवश्यकता पर अपना उद्बोधन दिया। सत्र में २० शोधपत्रों का वाचन हुआ। समानांतर ऑनलाइन तकनीकी सत्र डा0 निधीश सिंह के संचालन में सम्पन्न हुआ। जिसमें ५० शोध पत्रों का वाचन हुआ।

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