बच्चों को स्कूल में दण्डित करना अब गुरुजी को पड़ेगा भारी

सरकार ने विद्यार्थियों को शारीरिक व मानसिक रुप से दण्ड देने पर लगाया पूर्ण प्रतिबंध
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सरकारी व निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को डॉटना, फटकारना, किताब-कॉपी न लाने पर क्लास के बाहर खड़ा करना आदि दण्ड देना तथा दुव्र्यहार करना शिक्षकों को शासन के नये आदेशों के तहत भारी पड़ेगा। इस मामले में अब सभी स्कूलों में एक शिकायती पेटिका भी लगायी जायेगी। जिसमें बच्चे स्वयं दंड मिलने पर अपनी शिकायत संबंधित शिक्षक-शिक्षिका का नाम लिखकर डाल सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन शर्मा ने बच्चों को किसी भी प्रकार का दण्ड न दिये जाने तथा उनका मानसिक व शारीरिक उत्पीडऩ न करने आदि के संबंध में शिक्षाधिकारियों को आदेश जारी किये हैं। जिसके अनुसार अब छात्रों का किसी भी प्रकार का मानसिक एवं शारीरिक उत्पीडऩ करने वाले गुरुजनों की खैर नहीं होगी। स्कूलों में छात्रों की गलती पर उन्हें डॉटना, फटकारना, बेइज्जत करना, कॉपी किताब न लाने पर क्लास में खड़ा करना, चिकोटी लेना, छड़ी से मारना, दौड़ लगाने का दण्ड देना आदि पर शासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। स्कूल महानिदेशक के आदेश में यह भी कहा गया है कि दण्ड के प्रति बच्चों को स्कूलों में शिक्षकों द्वारा जागरुक किया जाये। प्रत्येक स्कूल में एक शिकायत पेटिका लगेगी। जिसमें बच्चे अपने प्रति दिये गये दण्ड की शिकायत लिखकर डाल सकेंगे। पेटिका की शिकायत को शिक्षक-अभिभावक संघ (पी.टी.ए.) भी संज्ञान में लेगा तथा उच्चाधिकारियों को अवगत करायेगा। विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को उनके अधिकारों से परिचित कराने तथा उनके साथ भेदभाव न किये जाने के संबंध में सुरक्षा एवं संरक्षण प्रशिक्षण का माड्यूल भी शिक्षा विभाग तैयार करेगा। उ0प्र0मा0 शिक्षक संघ (शर्मा गुट) की प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ सदस्य नरेन्द्र पाल सिंह सोलंकी ने कहा कि विद्यार्थियों को श्रेष्ठ बनाने के लिए उन्हें थोड़ा डॉटना, फटकारना तथा दण्ड का भय दिखाना जरुरी है। शिक्षक छात्रों को अपने पुत्र के समान ही समझाकर उनसे व्यवहार करते हैं। उन्होंने दण्ड के नाम पर शिक्षकों पर कार्यवाही करने को उचित करार नहीं दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *