एनीमिया रोकथाम हेतु फोर्टीफाइड चावल” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
अमिताभ श्रीवास्तव
समृद्धि न्यूज़ अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में दीक्षा आरंभ कार्यक्रम के अंतर्गत “एनीमिया रोकथाम हेतु फोर्टीफाइड चावल” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई।कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने जल भरो के साथ किया।इस संगोष्ठी में देवरिया, अयोध्या सहित आसपास की लगभग सौ महिलाएं मौजूद रहीं जिन्हें एनीमीया से रोकथाम के लिए जागरूक किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए दैनिक दिनचर्या एवं पौष्टिक आहार में बदलाव लाने की जरूरत है।कहा कि हमें एनीमिया को दूर करने के लिए खट्टे फलों को अपने भोजन में शामिल करना होगा।विटामिन सी रोगरोधक क्षमता होती है जो इंसान को विभिन्न रोगों से बचाती है।महिलाओं में विटामिन सी का विशेष महत्व है।कुलपति ने कहा कि गर्भावस्था में महिलाओं को अपने भोजन का विशेष ध्यान देना चाहिए।बच्चों को जन्म से लगभग तीन वर्षों तक विटामिन व खनिज लवणयुक्त पौष्टिक भोजन मिले तो वह जीवनभर स्वस्थ रहेगा।उन्होंने भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए जैविक खेती पर भी जोर दिया।संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के मुख्य सहायक मयंक भूषण ने कहा कि विभाग द्वारा 19 करोड़ लोगों को फोर्टीफाइड चावल दिया जा रहा है।उन्होंने फोर्टीफाइड चावल से जुड़ी भ्रांतियों से भी महिलाओं को अवगत कराया।उन्होंने बताया कि महिलाएं फोर्टीफाइड चावल को प्लास्टिक का चावल न समझें।कहा कि अधिकतम पौष्टिक लाभ के लिए फोर्टीफाइड चावल को पर्याप्त पानी में पकाना चाहिए।फोर्टीफाइड चावल को हर बार प्रयोग करने के बाद साफ और बंद डिब्बे में रखना चाहिए।उन्होंने कहा कि कुपोषण के दरों में कमी लाने के लिए भारत में चावल के अलावा नमक,तेल और दूध को भी फोर्टीफाई किया जाता है।डा. भीमराव अंबेडकर विवि के खाद्य एवं पोषण विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. नीतू सिंह ने बताया कि फोर्टीफाइड चावल के मनुष्य के लिए बहुत ही लाभदायक है।इसके सेवन से लौह लवण कमी को पूरा कर एनीमिया के खतरा से बचा जा सकता है।कार्यक्रम योजना अधिकारी निरंजन बरियार व डा. साधना सिंह ने एनीमिया के लक्षण व उसे दूर करने के लिए हरी सब्जियों,मोटे अनाज,गुड़ तथा अन्य आयरन युक्त भोज्य पदार्थों पर विस्तार से चर्चा की। अधिष्ठाता डा. साधना सिंह के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया।धन्यवाद ज्ञापन डा. श्वेता चौधरी व संचालन डा. तृप्ती बर्मा ने किया।इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता,निदेशक, शिक्षक,कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
एनीमिया से बचाव के लिए करें खट्टे फलों का सेवन: कुलपति
