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एयर इंडिया प्लेन क्रैश में चौंकाने वाले खुलासे: क्षी टकराने के संकेत नहीं, टेकऑफ के तुरंत बाद क्यों बंद हुए दोनों इंजन

समृद्धि न्यूज। एअर इंडिया विमान हादसे की जांच कर रही संस्था (AAIB) ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा है कि फ्लाइट क्रैश होने से पहले विमान के इंजन से पक्षी के टकराने के संकेत नहीं मिले हैं। जांच ब्यूरो के मुताबिक विमान उड़ाने वाले दोनों पायलट स्वस्थ थे। क्रैश का प्रमुख कारण ईंधन सप्लाई बाधित होने के बाद इंजन का बीच हवा में बंद होना है।
AAIB ने विमान के इंजन में फ्यूल की सप्लाई बंद होने जैसी कई अहम बातों की तरफ इशारा किया है। हालांकि, इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने कहा है कि ये रिपोर्ट प्रारंभिक है। फिलहाल हादसे की विस्तृत जांच चल रही है।

As per the EAFR data, the aircraft crossed the take-off decision speed V1 and achieved 153 kts IAS at 08:08:33 UTC. The Vr speed (155 kts) was achieved as per the EAFR at 08:08:35 UTC. The aircraft air/ground sensors transitioned to air mode, consistent with liftoff at 08:08:39 UTC. The aircraft achieved the maximum recorded airspeed of 180 Knots IAS at about 08:08:42 UTC and immediately thereafter, the Engine 1 and Engine 2 fuel cutoff switches transitioned from RUN to CUTOFF position one after another with a time gap of 01 sec. The Engine N1 and N2 began to decrease from their take-off values as the fuel supply to the engines was cut off. In the cockpit voice recording, one of the pilots is heard asking the other why did he cutoff. The other pilot responded that he did not do so: AAIB’s Preliminary Report on #AhmedabadPlaneCrash

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इंजनों में फ्यूल आना बंद

एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया के प्लेन ने सुबह करीब 8 बजकर आठ मिनट पर 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड हासिल की थी। इसके बाद अचानक दोनों इंजन के फ्यूल कट-ऑफ स्विच, जो इंजन को फ्यूल भेजते हैं, वो रन से कटऑफ पोजिशन में चले गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना सिर्फ 1 सेकेंड के गैप पर हुई। इस दौरान इंजनों में फ्यूल आना बंद हुआ। हालांकि, अभी अंतिम निष्कर्ष आना बाकी है।

टेकऑफ के समय विमान को पूरा थ्रस्ट मिला

रिपोर्ट के अनुसार, पायलटों ने इंजन चालू करने के प्रयास किए। एक इंजन कुछ देर के लिए चला, पर दूसरा चालू नहीं किया जा सका। हादसे से पहले विमान 32 सेकंड हवा में रहा। विमान के थ्रस्ट लीवर भी निष्क्रिय अवस्था में थे, जिससे उनकी खराबी का संकेत मिलता है। टेकऑफ के समय विमान को पूरा थ्रस्ट मिला था। ईंधन में कोई मिलावट नहीं मिली। विमान का फ्लैप सेटिंग 5 डिग्री और गियर (नीचे) थे जो उड़ान के लिए सही स्थिति होती है। हालांकि, ईंधन स्विच में खराबी के संबंध में एफएफए की सलाह थी, पर एअर इंडिया ने इसकी जांच नहीं की थी। विमान का वजन तय सीमा के भीतर ही था और कोई खतरनाक सामान भी नहीं था।

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आखिर कैसे बंद हुआ फ्यूल कंट्रोल स्विच

कॉकपिट की वायस रिकॉर्डिंग में एक पायलट कहते सुना गया कि तुमने स्विच बंद क्यों किया। दूसरा पायलट कहता है कि मैंने बंद नहीं किया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर फ्यूल कंट्रोल स्विच कैसे बंद हुए। इस सवाल के जवाब में दूसरे पायलट ने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया। दोनों पायलटों के बीच की बातचीत से यह साफ हुआ है कि फ्यूल कटऑफ किसी ने जानबूझकर नहीं किया था।

रैम एयर टर्बाइन (RAT) सक्रिय

बता दें कि विमान के ऑटोमैटिक सिस्टम ने इमरजेंसी हालात को देखते हुए खुद-ब-खुद मदद करने की कोशिश की। हालांकि, रैम एयर टर्बाइन (RAT)  यानी आपातकालीन पंखा और APU जैसी सिस्टम्स को सक्रिय करने के बाद भी प्लेन को कै्रश होने से नहीं बचाया जा सका। जानकारी के मुताबिक RAT तभी बाहर निकलता है, जब प्लेन में बिजली सप्लाई में दिक्कत आती है। इसका मतलब है कि इंजन बंद होने की वजह से प्लेन की मेन पावर सप्लाई भी प्रभावित हुई थी।

RAT दोनों इंजन या पावर सप्लाई बंद होने या फिर हाइड्रोलिक विफलता पर खुद एक्टिव हो जाता है। यह प्लेन को ऊंचाई बनाए रखने में मदद करता है। यह पावर पैदा करने के लिए एयर स्पीड का उपयोग करता है।

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