आला अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
संकिसा, समृद्धि न्यूज। थाना मेरापुर क्षेत्र के गांव दुल्लामई निवासी सुनील कुमार पुत्र राजबहादुर प्रजापति लेह 71 इंजीनियरिंग रेजीमेंट में नायब सूबेदार के पद पर तैनात थे। रविवार सुबह 9:30 बजे ड्यूटी पर जा रहे थे, तभी आर्मी कैंप में रखा पानी का टैंक किसी तरह फट गया। जिसमें नायब सूबेदार शहीद हो गए। उच्च अधिकारियों ने घटना की सूचना शहीद नायब सूबेदार के पिता को दी, तो मानो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। वर्तमान में सुनील कुमार की पत्नी रेखा व पिता राजबहादुर पंजाब के मुक्तसर में रहते हैं। इस सूचना के बाद पिता राजबहादुर मुक्तसर से अपने पैतृक गांव दुल्लामई के लिए रवाना हुए। शहीद के पिता, पत्नी, बच्चे आदि सोमवार सुबह पैतृक गांव पहुंचे और इस घटना की जानकारी ग्रामीणों को हुई, तो उनके घर पर लोगों की भीड़ लग गई।बुधवार सुबह 9:30 बजे सूबेदार देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में सेना की एक टुकड़ी शहीद नायब सूबेदार सुनील कुमार सिंह का पार्थिव शरीर लेकर उनके पैतृक गांव दुल्लामई पहुंची। नायब सूबेदार का पार्थिव शरीर ताबूत में रखा था। गांव में एक खेत में पंडाल लगाया गया था। जिसमें शहीद की पत्नी रेखा, भाई अनिल कुमार, बहन अनीता, पुत्र ईशू, पुत्री गौरी व ईशा, पिता राजबहादुर आदि स्वजन, रिश्तेदार पास पड़ोस के ग्रामीणों सहित तमाम लोग पार्थिव शरीर के इंतजार में बैठे थे। जैसे ही सेना के जवानों ने ताबूत को पंडाल में रखा, तो सभी स्वजन दहाड़े मारकर रोने चिल्लाने लगे। हर एक शख्स की आंखें नम हो गईं। जब ताबूत को खोला गया तो उनके पार्थिव शरीर को देखकर उनकी पत्नी रेखा बेहोश हो गई। महिलाओं ने उनके मुख पर पानी के छींटे मारे तब कुछ देर में उन्हें होश आया। अंतिम दर्शन के बाद पंडाल से सेना के जवान तिरंगे में लिपटे ताबूत में रखे पार्थिव शरीर को अंत्येष्टि स्थल तक ले गए। सम्मान के साथ गॉड ऑफ़ ऑनर सलामी दी गई। उसके बाद जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, अपर जिलाधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति आदि अधिकारियों व भाजपा सांसद मुकेश राजपूत आदि ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद की पत्नी, छोटे भाई, पुत्र आदि स्वजनों ने पुष्प अर्पित कर श्रध्दांजलि दी। उसके बाद शहीद के 11 वर्षीय पुत्र ईशू ने चिता को मुखाग्नि दी। सेना ने तीन चक्र फायरिंग की। जिला प्रशासन द्वारा शहीद की अंत्येष्टि के लिए सरकारी भूमि दी गई। जहां शहीद स्मारक बनाया जाएगा।
मंत्री ने शहीद के पिता व पत्नी को 50 लाख के सौंपे चेक
संकिसा। बुधवार को प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने शहीद के गांव पहुंचकर उनके परिजनों को अनुग्रह धनराशि एवं परिवार सहायता धनराशि के रूप में पिता व पत्नी को चेक सौंपे। जिससे प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने शहीद सुनील कुमार की फोटो पर माल्यार्पण कर श्रध्दांजलि दी। इसी दौरान शहीद नायब सूबेदार सुनील कुमार सिंह के पिता राजबहादुर ने प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह से कहा कि मेरे बेटे ने देश के लिए बलिदान दिया है। बेटे के नाम से एक सडक़ बनवा दो। इस पर उन्होंने सडक़ बनवाए जाने के लिए डीएम को निर्देशित किया। जयवीर सिंह ने बताया की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुग्रह धनराशि व परिवार सहायता धनराशि के रूप में शहीद के पिता राज बहादुर को 15 लाख और उनकी पत्नी रेखा देवी को 35 लाख रुपए की चेक प्रदान की गई है और भारत सरकार व डिफेंस मिनिस्ट्री द्वारा प्रावधानित धनराशि अतिरिक्त रूप से सहायता देने का काम होगा। जो परिवार की ओर से एक सडक़ की बात रखी गई है सडक़ का नाम करण कराए जाने के लिए डीएम को निर्देश दे दिए गए हैं। इस मौके पर भाजपा सांसद मुकेश राजपूत, भोजपुर विधायक नागेंद्र सिंह, अमृतपुर विधायक सुशील कुमार शाक्य, भाजपा जिला अध्यक्ष रूपेश गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका रानी आदि नेता एवं जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी, अपर जिला अधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति, पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी आदि अधिकारी मौजूद रहे और सभी अधिकारीगणों व नेताओं ने पुष्प अर्पित कर श्रध्दांजलि दी।
पिता बोले मेरे बेटे को मिल गई थी छुट्टी
संकिसा। शहीद नायब सूबेदार सुनील कुमार के पिता राजबहादुर ने बातचीत के दौरान बताया कि मेरे बेटे की सोमवार से छुट्टी मंजूर हो गई थी। जिससे पहले मेरा बेटा शहीद हो गया। बेटे ने शनिवार को फोन पर बताया था कि पिता जी मेरी सोमवार से छुट्टी मंजूर हो गई है। मैं घर आ जाउंगा जिससे एक दिन पहले ही मेरा बेटा शहीद हो गया। सुनील कुमार 6 मार्च 2009 में फिरोजपुर पंजाब से सेना में सिपाही पद पर भरते हुए थे। सुनील कुमार का फिरोजाबाद से 1 फरवरी 2013 को रेखा के साथ विवाह हुआ था। सुनील कुमार के एक 11 वर्षीय पुत्र ईशू व दो पुत्री क्रमश: 7 वर्षीय गौरी व 4 वर्षीय ईशा व पत्नी रेखा है और 19 वर्षीय भाई अनिल कुमार, 15 वर्षीय बहन अनीता, पिता राजबहादुर हैं। 5 वर्ष पूर्व माता शीला देवी का देहांत हो चुका है।