Headlines

नरसंहार: 24 दलितों की हत्या के मामले में 3 दोषियों को फांसी की सजा

फिरोजाबाद के जसराना के गांव दिहुली में 18 नवंबर 1981 को हुई 24 दलितों की सामूहिक हत्या में मंगलवार को कोर्ट ने तीन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। इसके साथ ही दो दोषियों पर दो-दो लाख और एक दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। कोर्ट से आदेश होने के बाद पुलिस तीनों को जिला कारागार मैनपुरी ले गई। वहां उन्हें दाखिल किया गया।

फिरोजाबाद जिले के जसराना थाना क्षेत्र के दिहुली गांव में 44 साल पहले 24 दलितों की हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले की सुनवाई मैनपुरी जिले की कोर्ट में चल रही थी. वहीं कोर्ट से सजा के ऐलान के बाद दिहुली गांव में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं, ताकि किसी प्रकार की तनाव की स्थिति न रहे.

बता दें कि 44 साल पहले जसराना थाना क्षेत्र के दिहुली गांव में एक ऐसा कांड हुआ था, जिससे गांव के लोग दहल उठे थे. 18 नवंबर 1981 को शाम करीब पांच बजे हथियारबंद कुछ लोगों नेगांव में घुसकर दलितों की बस्ती पर हमला बोल दिया था. दलित बस्ती के घरों में मौजूद महिलाओं, पुरुष और बच्चों तक की हत्या कर दी थी. आरोपियों ने कुल 24 लोगों को मौत के घाट उतारा था. कोर्ट ने जिन तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई, उनका नाम रामसेवक, कप्तान सिंह और रामपाल है.

24 दलितों की हत्या, 24 ही बनाए गए आरोपी

यह हत्याकांड फिरोजाबाद जिले के जसराना थाना क्षेत्र के दिहुली गांव में हुआ था, जो पहले मैनपुरी जिले में आता था. इस लिए इस केस की सुनवाई भी मैनपुरी जिले में हुई. दलित समाज के 24 लोगों की निर्मम हत्या से पूरा क्षेत्र दहल गया था. पीड़ित पक्ष की ओर से लायक सिंह ने नामजद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मामले में कुल 24 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से अधिकांश की अब मौत हो चुकी है.

कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाही के आधार पर उस भयावह नरसंहार के दोषी कप्तान सिंह, रामसेवक और रामपाल को फांसी की सजा सुनाई। कप्तान सिंह, रामसेवक को दो-दो लाख और रामपाल को एक लाख रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया गया। सजा सुनते ही तीनों के चेहरों पर मायूसी छा गई। यह रोने लगे। कोर्ट के बाहर इनके परिजन भी मौजूद थे, वह भी रोने लगे। इसके बाद पुलिस ने इन्हें जेल ले जाकर दाखिल कर दिया।

आरोपियों ने दलित बस्ती पर बरसाई थी गोली

दिहुली हत्याकांड में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाने के बाद गांव में काफी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है, जिससे कोई अप्रिय घटना न हो. बताया जाता है कि 44 साल पहले इसी दिहुली गांव में बदमाशों ने लगातार तीन घंटे तक गोलियां बरसाई थीं, जिसमें 23 लोगों की तो मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं, इस घटना के एक घायल ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया था. इस घटना में दिहुली गांव के रहने वाले लायक सिंह ने अगले दिन यानि 19 नवंबर को जसराना थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.

जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था, उनमें राधेश्याम उर्फ राधे, संतोष चौहान उर्फ संतोषा, राम सेवक, रविन्द्र सिंह, रामपाल सिंह, वेदराम, मिठ्ठू, भूपराम, मानिक चन्द्र, लटूरी, राम सिंह, चुन्नीलाल, होरी लाल, सोनपाल, लायक सिंह, बनवारी, जगदीश, रेवती देवी, फूल देवी, कप्तान सिंह, कम रुद्दीन, श्याम वीर, कुंवर पाल, लक्ष्मी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

30 दिन के अंदर कर सकते हैं हाईकोर्ट में अपील

फांसी की सजा पाने वाले रामपाल, रामसेवक और कप्तान सिंह अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए फांसी की सजा के खिलाफ 30 दिन के भीतर हाईकोर्ट में अपील भी कर सकते हैं। हाईकोर्ट सेशन कोर्ट के फैसले की समीक्षा के बाद अपना निर्णय लेकर फांसी की सजा को बरकरार रख सकती है या फिर सजा में संशोधन भी किया जा सकता है।

14 दिन जेल की क्वारंटीन बैरक में रहेंगे दोषी

कोर्ट द्वारा सजा सुनाकर जेल भेजे गए तीनों दोषियों को पहले 14 दिन के लिए क्वारंटीन बैरक में रखा जाएगा। मंगलवार शाम जेल पहुंचते ही उनको इस बैरक में भेज दिया गया। यहां उनकी नियमित निगरानी होगी। जांचा जाएगा कि वह समय से खाना-पीना ले रहे हैं या नहीं, सो रहा है या नहीं। 14 दिन के बाद उसको नियमित बैरक में भेजा जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *