भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर में एक पोखर की मिट्टी की पाल टूट जाने से 8 बच्चे पानी के साथ बह गए. उनमें से सात की मौत हो गई है. वहीं एक बच्चे को बचा लिया गया. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. मौके पर राहत कार्य जारी हैं. बच्चों के शवों को स्थानीय अस्पताल लाया गया है. हादसे के शिकार हुए बच्चों के परिजन बदहवास हो गए हैं. ग्रामीण उनको ढांढस बंधाने में लगे हैं. वहीं जयपुर में भी बारिश ने कहर ढा रखा है. मौसम विभाग ने आज भरतपुर और अलवर में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था. जानकारी के अनुसार भरतपुर जिले में यह हादसा बयाना इलाके के फरसो गांव में दोपहर में हुआ. वहां भारी बारिश के चलते पोखर के चारों तरफ बनी मिट्टी की एक पाल पानी के प्रेशर से टूट गई. यह पोखर बाणगंगा नदी के किनारे स्थित है. उस समय कुछ बच्चे वहां खड़े थे. पोखर की पाल ढहते ही उसमें से बेशुमार पानी निकला. इस वहां खड़े बच्चों में से आठ पानी में बह गए. ग्रामीणों को जैसे ही इसका पता चला तो वे वहां पहुंचे. अचानक हुए हादसे के बाद हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने एक घंटे के रेस्क्यू के बाद सभी नवयुवकों को बाहर निकाला, जिनमें कुछ के शव भरतपुर पहुंच चुके हैं। जिले के बयाना उपखंड की ग्राम पंचायत फरसो के गांव श्रीनगर से होकर निकल रही बाण गंगा नदी में मिट्टी का टापू ढहने से सात नवयुवकों की मौत हो गई।
नदी के किनारे मिट्टी खोदना पड़ा भारी
गांव के लोग नदी के किनारे के मिट्टी खोदकर निकाला करते थे, जिसके चलते वहां जगह-जगह पर गहरे गड्ढे हो गए थे और मिट्टी के टीले बन गए थे। इस कारण वहां से होकर गुजर रही बाण गंगा नदी के किनारे बने मिट्टी के ढीले पर खड़े होकर सात नवयुवक नदी के तेज बहाव को देख रहे थे। उसी दौरान मिट्टी का टीला ढह गया। हादसे में सातों नवयुवक उन गहरे गड्ढों में डूब गए।
एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची
हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव घटना स्थल पर पहुंचे और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंचीं। राहत बचाव कार्य करते हुए सात नवयुवकों के शवों को बयाना की झील का बाड़ा सीएचसी पर लाया गया। यहां से दो नव युवकों के शव भरतपुर जिला अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाया गया।