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छात्रा को अगवा कर दुष्कर्म करने का सिपाही पर आरोप

 परिजनों ने पकडक़र पुलिस को सौंपा
एसपी करती रहीं निरीक्षण, पीडि़त को पुलिस ने नहीं दिया मिलने
परिजनों का आरोप, पुलिस ले देकर मामला निपटाने का बना रही दबाव
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। छात्रा को अगवा कर दुष्कर्म करने का सिपाही पर आरोप लगाते हुए कपड़ा व्यापारी के परिजनों ने सिपाही को पकड़ लिया और नवाबगंज पुलिस के सुपुर्द कर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की। मामला पुलिस से जुड़ा होने के चलते स्थानीय पुलिस मामले को ले देकर निपटाने में लगी है। बताते चले जिस समय थाना नवाबगंज का पुलिस अधीक्षक आरती सिंह निरीक्षण कर रही थी उस समय आरोपी सिपाही थाने में ही मौजूद था और परिजनों को पुलिस ने एसपी से मिलने नहीं दिया, यह कहकर रोक दिया कि मैडम निरीक्षण कर चली जाये, तुम्हारा मुकदमा दर्ज कर लिया जायेगा।
जानकारी के अनुसार कस्बा नवाबगंज थाने के निकट कपड़े की दुकान किये व्यापारी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया की उनकी 15 वर्षीय पुत्री एक विद्यालय में सुबह पढऩे गयी थी। जब वह घर वापस नहीं लौटी तो परिजन उसकी खोजबीन कर रहे थे, तभी कार संख्या यूपी 76एके/0581 का चालक पुत्री को मदर इंडिया गली के सामने कार से उतार रहा था। इस दौरान परिजनों की नजर उस पर पड़ी तो वह भागकर मौके पर पहुंचे, लेकिन चालक कार लेकर भागने लगा। हम लोगों ने उसे पकड़ लिया और पकडक़र थाना नवाबगंज पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान पुत्री ने रोते हुए बताया कि जब मैं स्कूल जा रही थी, तभी इस कार चालक ने मदर इंडिया गली के सामने मुझे जबरियन कार में डाल लिया और फर्रुखाबाद शहर ले गया। जहां एक कमरे में मुझे बंद कर कर मेरे साथ जबरियन दुष्कर्म किया। पकड़े गये कार चालक से जब पूछताछ की तो उसने अपना नाम विनय चौहान पुलिस कर्मी के रुप में बताया। परिजनों ने बताया कि आरोपी सिपाही की कार में अश्लील व आपत्तिजनक सामिग्री भी थी। परिजनों ने आरोपी पुलिस कर्मी को पकडक़र नवाबगंज थाना पुलिस के सुपुर्द कर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग की। इसी दौरान थाने का निरीक्षण करने पुलिस अधीक्षक पहुंच गयी। परिजन मिलकर पुत्री के साथ घटी घटना की जानकारी देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने एसपी से नहीं मिलने दिया और यह कहा कि मैडम चली जाये, उसके बाद तुम्हारा मुकदमा दर्ज कर लिया जायेगा। पीडि़त तहरीर लिये मुकदमा लिखाने के लिए थाने के बाहर इंतजार करता रहा, लेकिन उसका मुकदमा समाचार लिखे जाने तक नहीं लिखा गया। पीडि़त परिवार ने बताया कि पुलिस मुझ पर ले देकर मामला निपटाने का दबाव बना रही है, लेकिन मुझे न्याय चाहिए। वहीं थानाध्यक्ष ने बताया कि मुझे मामले की जानकारी नहीं है। अगर तहरीर मिलती है जांच कर कार्यवाही की जायेगी। जबकि समाचार लिखे जाने तक पीडि़त परिवार मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने में ही बैठा था।

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