समृद्धि न्यूज। रक्षा वैगन की सही संख्या जानने के लिए लिए रेलवे बोर्ड ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद जांच की। इस जांच में रेलवे के ऑनलाइन वैगन प्रणाली और वास्तविक रिकॉर्ड में फर्क पाया गया। इसलिए रेलवे बोर्ड ने 15-16 जुलाई को रक्षा वैगन की पूरी गिनती करने का फैसला लिया है। रक्षा वैगन ट्रेन में वे खास डिब्बे होते हैं, जिनका उपयोग सैनिकों, उपकरणों और अन्य सामानों को ले जाने के लिए किया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के लगभग एक पखवाड़े बाद, (सेना मुख्यालय में स्थित रेल मंत्रालय की विशेष शाखा) मिलरेल और मंत्रालय के अधिकारियों ने देश भर में विभिन्न स्थानों पर रखे गए रक्षा संबंधी डिब्बों की कुल संख्या का पता लगाने के लिए एक बैठक की। मिलरेल भारतीय रेलवे की एक विशेष शाखा है। रेल मंत्रालय द्वारा 10 जुलाई 2025 को सभी जोन को जारी परिपत्र में कहा गया है, 23/05/2025 को रेलवे बोर्ड में मिलरेल के कार्यकारी निदेशक के साथ हुई बैठक में यह पाया गया कि मिलरेल डिब्बों की संख्या के संबंध में भारतीय रेलवे माल ढुलाई रखरखाव प्रबंधन में उपलब्ध आंकड़ों और मिलरेल कार्यालय में उपलब्ध आंकड़ों में अंतर है।
परिपत्र में आगे कहा गया कि इसलिए भारतीय रेलवे और सेना से जुड़ी पटरियों पर रखे मिलरेल डिब्बों की असली गिनती करने का फैसला लिया गया है, ताकि रिकॉर्ड में मौजूद आंकड़ों से उनका मिलान किया जा सके। गिनती 15 जुलाई से शुरू होकर 16 जुलाई तक पूरी होनी है। मंत्रालय ने गिनती की प्रक्रिया के बारे में बताया कि इसमें वे डिब्बे भी शामिल होंगे जो सडक़ किनारे या वर्कशॉप में खराब हालत में पड़े हैं या यार्ड और पटरियों पर बिना इस्तेमाल के लंबे समय से खड़े हैं और जिन्हें काफी समय से जांच के लिए नहीं भेजा गया है। गणना 15 जुलाई 2025 को शुरू होगी और 16 जुलाई 2025 तक पूरी हो जानी चाहिए। गणना प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए मंत्रालय ने कहा है कि इस प्रक्रिया में, अन्य बातों के साथ-साथ सडक़ किनारे, मरम्मत लाइनों या कार्यशालाओं में खड़े खराब डिब्बों समेत ऐसे अन्य डिब्बों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्हें लंबे समय से निरीक्षण के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद रेलवे रक्षा वैगनों में मिली विसंगति, 15-16 जुलाई को होगी गणना
