राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने के पीछे उनके गुरुओं का योगदान: रामबाबू पाठक
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। कला और संस्कृति को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती का गुरुपूर्णिमा पर आयोजित कला साधक सम्मान समारोह का आयोजन जोगराज स्थित एक रेस्टोरेंट के सभागार में हुआ। दीप्ति वत्स क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी पौराणिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करके राष्ट्र के मानचित्र पर स्थापित करने को कार्यरत है, जिनको धरोहर कला साधक सम्मान दिया गया। कुमारी राना हिजाब संसद में उद्बोधन दिया राष्ट्रीय बालश्री पुरस्कार से सम्मानित कुशल वक्ता मंच और नुक्कड़ नाटक कलाकार मंचीय कला साधक सम्मान किया गया। वरिष्ठ कवि सत्यपाल सिंह सोमवंशी प्रगल्भ को कला साधक सम्मान दिया गया। अजय सिंह चौहान ब्लॉक मेकर और प्रिंटिंग में परिवार लगभग 80 वर्ष से जुड़ा है। राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है, उन्हें लोक कला साधक सम्मान दिया गया। अर्पण शाक्य शिक्षक जो अनेक पुरस्कारों से सम्मानित है उन्हे चित्रकार दृश्य कला साधक सम्मान से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ0 रामबाबू पाठक ने गुरु की महत्वता का वर्णन रामचरितमानस के प्रसंग के साथ दिया। श्री राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने के पीछे उनके गुरुओं का योगदान रेखांकित करते हुए कहा कि भाई-भाई का प्रेम और गुरुओं का योगदान सदैव प्रेरणादायक है। विशिष्ठ अतिथि डॉ0 शिव ओम अम्बर ने कहा कि गुरु सदैव गुरु रहता है। आज समाज मे मूल्यों का क्षरण हो रहा है, ऐसे में मात्र गुरु ही पथप्रदर्शक बन सकते है। प्रत्येक व्यक्ति जो कुछ सिखाता है गुरु है जो अंधकार से उजाला दिखाता हैै। प्रांतीय महामंत्री सुरेन्द्र पाण्डेय, प्रांतीय कोषाध्यक्ष समरेंद्र शुक्ल ने विचार रखे। जिलाध्यक्ष अनिल प्रताप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन महेशपाल सिंह उपकारी ने किया। वंदेमारतरम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस मौके पर रविंद्र भदोरिया, डॉ0 रविंद्र यादव, अनुभव सारस्वत, आदेश अवस्थी, निमिष टंडन, अरविंद दीक्षित, अभिनव सक्सेना, भूपेन्द्र प्रताप सिंह , अनुराग पांडे, संजय गर्ग, डॉ0 नवनीत गुप्त, गौरव मिश्रा, सुमन त्रिपाठी, राधा दीक्षित, पूनम शुक्ला, रितु शुक्ला, रजनी लौंगवानी, चित्रा अग्निहोत्री, रामऔतार शर्मा इंदू, अखिलेश पाण्डेय, शिवम दीक्षित आदि मौजूद रहे।
संस्कार भारती द्वारा कला साधकों का हुआ सम्मान
