फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। आर्य समाज कमालगंज के तत्वावधान में बालिकाओं को निर्भर बनाने के लिए एक माह तक चलने वाले ग्रीष्मकालीन सिलाई प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ। सर्वप्रथम यज्ञ किया गया। जिसमें आहुतियां प्रदान कर सभी प्रशिक्षणार्थियों ने सफलता की कामना की। शिविर के संयोजक आचार्य संदीप आर्य ने सभी शिविरार्थियों को शिविर की दिनचार्य से अवगत कराया। जिसके अनुसार प्रति दिन प्रात: 8 से 11 बजे तक कक्षाओं के संचालन होगा। जिसमें सिलाई के साथ साथ मेंहदी, ब्यूटीशियन, चित्रकला व्यक्तित्व विकास व आत्मरक्षा का प्रशिक्षण बेटियों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्य एक धार्मिक संगठन होने के साथ ही एक प्रमुख सामाजिक संगठन भी है, जिसका उद्देश्य समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ाकर सामाजिक समरता की स्थापना करना है। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती नारी शिक्षा के प्रवल समर्थक थे जिस समय नारी जाति को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा था। उस समय उन्होंने वेदादि शास्त्रों का उदाहरण देकर कन्याओं को पढऩे का अधिकार दिलाया। यही नहीं उन्होंने देश में सर्वप्रथम कन्या गुरुकुल खुलवाकर बेटियों को संस्कृत पढऩे का मार्ग प्रशस्त किया। प्रदीप आर्य ने कहा कि आर्य समाज बेटियों को अमर्थ बनाने के लिए हर तरह के सहयोग को सदैव समर्पित है। शिक्षिका नीलम राजपूत ने बेटियों को सिलाई के प्राथमिक पाठ सिखाया। वहीं अनामिका ने मेहंदी की डिजाइन बनाना सिखाया। संचालन घनश्याम यादव ने किया। कार्यक्रम में आचार्य सतीश देव, सुरेश बाबा, साहिल कुमार, उदयराज आर्य, सुमित राजपूत, नीलम आर्या, श्रुति गुप्ता, नित्या शर्मा, जूली, उन्नति आर्या, उर्मिला राजपूत आदि उपस्थित रहे।
आर्य समाज द्वारा सिलाई, कढ़ाई, मेहंदी प्रशिक्षण का हुआ शुभारम्भ
