समृद्धि न्यूज। फतेहपुर में धोखाधड़ी के माध्यम से लोगों को रुपया दोगुना करने का सपना दिखाकर करोड़ों का चूना लगाकर एक कम्पनी फरार हो गयी। जिसका मामला न्यायालय में चल रहा था। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने कम्पनी के कथिम मैनेजिंग डायरेक्टर सहित दस लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित अन्य धारााओं में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरु कर दी है।
कम्पनी की स्थापना हुई थी 2012 में, सैकड़ों लोगों ने जमा कराये थे करोड़ों
जानकारी के मुताबिक, गाजीपुर थाना क्षेत्र के साखा गांव निवासी राम सहाय ने दर्ज कराये मुकदमे में दर्शाया कि एफआईएम इंडिया रियल स्टेट प्रमोटर एंड डेवलपर लिमिटेड नामक कंपनी का हेड ऑफिस कानपुर के किदवई नगर में था। कंपनी की स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी। एक ब्रांच सदर कोतवाली क्षेत्र में फतेहपुर शहर के पथरकटा स्थित नवीन मार्केट में संचालित थी। कंपनी ने मंथली और फिक्स डिपॉजिट स्कीम के तहत सैकड़ों लोगों से करोड़ों की रकम जमा कराई थी।
जालसाजी में दो सगे भाई सहित 10 लोग शामिल
निवेशकों को कंपनी के दो सगे भाईयों में मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील सिंह भदौरिया व डायरेक्टर सुशील सिंह भदौरिया के साथ संजय साहू निवासीगण चखेड़ी थाना मलवा के अलावा रविंद्र सिंह राजौरिया, यतीन्द्र कुमार निवासी रामपुर कुर्मी थाना चांदपुर जिला फतेहपुर, कानपुर की बीना राव, मंजू गुप्ता, अशोक सिंह परिहार, हिमांशु सिंह भदौरिया आदि लोगों ने यह विश्वास दिलाया था कि उनका पैसा कम समय में निश्चित लाभ के साथ दोगुना कर लौटाया जाएगा।
छोटी-मोटी रकम वापस कर जीता था लोगों का भरोसा
कंपनी के दावों पर भरोसा करते हुए सैकड़ों लोगों ने अपनी मेहनत और खून पसीने की कमाई एफआईएम इंडिया डेवलपर्स कंपनी में जमा कर दी। शुरुआती 5 साल तक तो छोटी-मोटी रकम लौटाकर कंपनी ने लोगों का भरोसा बनाए रखा, लेकिन जैसे ही कंपनी के पास बड़ी रकम इक_ा हुई, तो वह कार्यालय बंद कर फरार हो गई। कंपनी निवेशकों के करीब 5 करोड़ रुपए लेकर भागी है।
पुलिस ने नहीं की कार्यवाही तो कोर्ट की ली शरण
शिकायतकर्ता रामसहाय ने बताया कि उन्होंने बेटी की शादी के लिए पांच लाख कम्पनी में लगाये थे। जब धोखाधड़ी बात सामने आयी तो पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद मैंने न्यायालय की शरण ली और कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।