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मेला श्रीराम नगरिया में हुए घोटाले का सीडीओ की रिपोर्ट में खुलासा, नियमों को दरकिनार का हुआ करोड़ा का भुगतान

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मेला श्रीराम नगरिया में हुए घोटाले का खुलासा मुख्य विकास अधिकारी की रिपोर्ट में हुआ है। मेले श्रीराम नगरिया में वित्तीय अनियमितताओं की गई शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने जांच के निर्देश दिये थे।
बताते चले कि गंगा तट पर लगने वाला श्रीरामनगरिया मेला अनियमितताओं की भेंट चढ़ा है। श्रद्धालुओं आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, मेले आड़ में वित्तीय अनियमितताओं का खेल जारी है। इसको संज्ञान लेकर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच करने के आदेश दिया था। सीडीओ की गई जांच की रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। विगत छह वर्षों में करीब 9.17 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसमें अधिकांश भुगतान नकद कर दिया गया। मेला अधिकारी पद पर तैनात रहे पीसीएस अधिकारियों ने आडिट तक कराना मुनासिब नहीं समझा। काफी भुगतानों के तो वाउचर तक उपलब्ध नहीं हैं। एकल हस्ताक्षर से ही चेकों से धनराशि निकाली जाती रही।
मेला रामनगरिया के सचिव पर पर हमेशा नगर मजिस्ट्रेट या एडीएम स्तर के वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी की तैनाती रहती है। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी चलती रही है। चेक सिर्फ सचिव के हस्ताक्षर से जारी होते रहे, जबकि नियम है कोषाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर का था। रामनगरिया अनियमितताएं सिस्ट की नाकामी और प्रशासनिक संरक्षण का बड़ा उदाहरण हैं। मेला व्यवस्थापक ऐसा पद है जिसका समिति के संविधान में कोई वैधानिक अस्तित्व ही नहीं है, फिर भी सालों से एक ही व्यक्ति इस पर तैनात रहा और महत्वपूर्ण दायित्यों का संचालन करता राहा। उसे भी रिपोर्ट में क्लीन चिट दी गई। सीडीओ अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। समिति के संविधान में संशोधन और पंजीकरण का नवीनीकरण कराने की संस्तुति की गई है। खातों को नियमित आडिट कराने के लिए भी लिखा है।

वर्षवार आय-व्यय का विवरण

           वर्ष             आय                     व्यय

  • 2019         1,01,91,000      83,85,573
  • 2020        1,14,48,600      1,35,67,267
  • 2021         134,30,413       1,45,07,531
  • 2022         1,66,47,404     1,57,51,125
  • 2023         2,02,10,751      1,98,16,386
  • 2024        2,05,13,450       2,17,01,757

सूत्रों की माने तेा एक ही काम के दो-दो बार भुगतान दिखाए गए। सफाई के नाम पर बिना काम के हजारों रुपये निकाल लिए गए और मंच निर्माण जैसी व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों में पूरी हुईं। कई पूर्व अधिकारी व ठेकेदार भूमिगत हो चुके हैं। जिलाधिकारी भी अब व्यक्तिगत रूप से फाइल दर फाइल खंगाल रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में एफआईआर और पूछताछ का सिलसिला तेज हो सकता है।

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