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एग्री स्टैक योजना को अपनाने वाला फर्रुखाबाद अग्रणी जिला-मुख्यमंत्री

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एग्रीस्टैक परियोजना के पहले लागू उपयोग के मामले किसान क्रेडिट कार्ड का उद्घाटन किया गया। एग्रीस्टैक भारत में कृषि पद्धतियों को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किए गए एक डिजिटल ढांचे का प्रतीक है। यह पहल किसानों को सशक्त बनाने और अनुकरणीय परिणाम प्राप्त करने के लिए डेटा और डिजिटल सेवाओं की क्षमता का उपयोग करने का प्रयास करती है। एग्रीस्टैक किसानों (किसान आईडी) को प्रमाणित करने, जियोटैगिंग के माध्यम से खेत के स्थानों (फार्म आईडी) को सटीक रूप से इंगित करने और डिजिटल फसल सर्वेक्षण के माध्यम से फसल की खेती की निगरानी के लिए डेटा प्रस्तुत करेगा।
एग्री स्टैक योजना के तहत भारत सरकार ने ई-खसरा सर्वेक्षण (डिजिटल फसल सर्वेक्षणद्ध) करने और किसान रजिस्ट्रियां तैयार करने के लिए पायलट कार्यान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश में फर्रुखाबाद जिले का चयन किया है। जिले में भूमि रिकॉर्ड को सत्यापित करने, ई-केवाईसी करने और मोबाइल ऐप के माध्यम से सहमति प्राप्त करने के साथ-साथ किसानों की पहचान का उपयोग करके किसान रजिस्ट्रियों को संकलित करने के लिए राजस्व विभाग और कृषि विभाग के बीच एक संयुक्त प्रयास चल रहा है। प्रत्येक गांव में अब एक समर्पित टीम है जिसमें एक पटवारी (राजस्व अधिकारी) और कृषि विभाग के कर्मी शामिल हैं।
जिले में लगभग 5.40 लाख किसान हैं। इन किसानों की तुलना में अब तक लगभग 2.30 लाख किसानों के आधार (विशिष्ट पहचान ) और भूमि रिकॉर्ड को लिंक और सत्यापित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त लगभग 1.85 लाख किसानों को ऑनलाइन ई-केवाईसी और सहमति भी प्राप्त हुई है। कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जिसे एग्री स्टैक योजना के नाम से जाना जाता है के कार्यान्वयन के साथ जमीनी स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में आज का दिन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस परिवर्तनकारी पहल का नेतृत्व फर्रुखाबाद कर रहा है जो इस योजना को अपनाने वाला अग्रणी जिला है। जिसने किसान केसीसी योजना के तहत मात्र 15 मिनट के भीतर ऋण प्रदान करके कृषि परिदृश्य में क्रांति ला दी है। इस योजना की शुरुआत किसानों के लिए डिजिटल सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत करती है। जो केसीसी ऋण तक पहुंचने में अभूतपूर्व सुविधा का वादा करती है। चार प्रमुख बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा का समर्थन इस अभूतपूर्व प्रयास की सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है।

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