सैफई, समृद्धि न्यूज। उपजिलाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को तहसील सभागार में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। समाधान दिवस में कुल 26 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से सर्वाधिक 16 प्रकरण राजस्व विभाग से संबंधित रहे। शिकायतों में भूमि विवाद, दाखिल-खारिज, सीमांकन, अवैध कब्जा व वरासत जैसी समस्याएं प्रमुख रहीं। मौके पर केवल एक शिकायत का निस्तारण किया जा सका, शेष शिकायतों को जांच के लिए संबंधित विभागों को सौंप दिया गया। समाधान दिवस के दौरान फरियादियों ने वर्षों से लंबित मामलों को उठाया। कुछ मामलों में तहसील व राजस्व विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही का भी आरोप लगाया गया। एक प्रकरण में तहसील परिसर के पास स्थित भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत की गई, जिस पर मौके पर मौजूद राजस्व टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कब्जा हटवाया और शिकायत का निस्तारण किया।
ग्राम वैदपुरा निवासी पूर्व प्रधान राम जानकी एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों के साथ पहुंचे और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने थाना चौराहे से अंबेडकर पार्क, गौशाला होते हुए सीएचसी तक बने नाले की वर्षों से सफाई न होने की शिकायत की। बताया कि कई बार आग्रह के बावजूद सफाई नहीं कराई गई है, जिससे मार्ग पर गंदगी व जलभराव की स्थिति बनी रहती है। नगला सुभान निवासी रामकृपाल पुत्र मोतीलाल ने बताया कि दो वर्ष पूर्व जल निगम की पानी की टंकी से कनेक्शन मिला था, लेकिन अब तक पानी नहीं आ रहा है। इसके बावजूद लगातार बिल भेजा जा रहा है। वहीं, नगला अजाब निवासी झबुलाल पुत्र मुंशीलाल ने बताया कि ग्राम सभा की 20 मीटर सार्वजनिक रास्ते पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है, जिससे आमजन को आवागमन में परेशानी हो रही है।
कार्यक्रम के समापन पर एसडीएम कौशल कुमार ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया जाए। उन्होंने कहा कि समाधान दिवस का उद्देश्य केवल शिकायती पत्र लेना नहीं, बल्कि जनसमस्याओं का त्वरित और संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करना है। समाधान दिवस में क्षेत्राधिकारी सैफई रामदवन मौर्य, तहसीलदार मोहम्मद असलम, निरीक्षक राकेश शर्मा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए कई मामलों में विभागीय कर्मचारियों से मौके पर ही रिपोर्ट तलब की।
एसडीएम की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस संपन्न, राजस्व विभाग की शिकायतें रहीं हावी
