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सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर असमंजस बरकरार

वापसी अनिश्चितकालीन समय के लिए टली
नासा एलन मस्क का भी ले सकती है सहयोग
लखनऊ/फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। बोइंग स्टारलाइनर स्पेस यान कैप्सूल द्वारा सुनीता विलियम्स ५ जून को अंतरिक्ष भेजी गई हैं। लगभग दो माह तक रहने के बाद वापसी आने की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण लोगों में असमंजस है। उधर नासा ने भी अभी स्पष्ट नहीं किया है । परिवार के लोग भी चाहते है कि स्थिति को स्पष्ट किया जाये। इस संबंध में प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर, सप्तर्षि इंडिया एस्ट्रो-स्ट्रीम प्रोजेक्ट अमृतांशु वाजपेयी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुनीता विलियम्स वर्तमान समय में अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन पर है। अब वह कब तक धरती पर वापस आयेगी इसकी जानकारी नासा या अन्य संबंधित अधिकारी ही बतायेगें। भेंट वार्ता के दौरान अमृतांशु वाजपेयी प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर, सप्तर्षि इंडिया स्ट्रीम प्रोजेक्ट ०.४ मीटर रोबोटिक टेलिस्कोप एल0सी0ओ0जी0टी0 ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतवंशी एस्ट्रोनॉट सुनीता लिन विलियम्स के अंतरिक्ष में फंसे होने पर अनिश्चितताओं के दौर में कई बातें चल रही हंै। वैज्ञानिक आधार के अनुसार इस समय सुनीता विलियम्स जो रिकार्ड तीसरी बार अंतरिक्ष में स्पेस मिशन के लिए गयी हुई हंै, उनके बोइंग स्टारलाइनर स्पेस यान कैप्सूल में कुछ तकनीकी खामी आने के कारण वे अपने साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर के साथ अंतरिक्ष में फंस गयीं हैं। सुनीता विलियम्स इस मिशन में बोइंग स्पेस यान की पायलट है, वहीं बुच विल्मोर मिशन कमांडर है। ज्ञात हो कि भूतकाल में भी सुनीता विलियम्स वर्ष 2006 व वर्ष 2012 में नासा एस्ट्रोनॉट के तौर पर अंतरिक्ष मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुकी हंै। निवर्तमान मिशन कुछ अलग था, क्योंकि यह बोइंग स्टारलाइनर का पहला टेस्ट मिशन था। जिसमें यह देखा जाना था कि बोइंग का स्पेस कैप्सूल सफलतापूर्वक एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में ले जाकर वापस ला सकता है। अंतरिक्ष यान में आम तौर पर तीन मुख्य संभाग होते हैं- सर्विस मॉड्यूल जिसमें पावर, कम्युनिकेशन, सोलर पैनल, प्रॉपेलेंट टैंक सिस्टम होते हैं, पेलोड मॉड्यूल जिसमें- वैज्ञानिक उपकरण होते हैं तथा प्रॉपल्जन सिस्टम जो कि अंतरिक्ष यान को नियत स्थान तक पहुंचाने में मदद करता है। सुनीता विलियम्स के बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में हीलियम का लीकेज हुआ है, जिसके चलते प्रॉपल्जन सिस्टम में समस्या हो गयी है। साथ में कैप्सूल में मौजूद 28 थ्रस्टर में से 5 ने काम करना बंद कर दिया। इसके चलते कैप्सूल के कन्ट्रोल सिस्टम पर असर पड़ा है। इन्हीं कारणों के चलते सुनीता विलियम्स जो कि 5  जून को अन्तर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस). पर गई थीं व उनकी वापसी 14 जून को तय की गई थी, वह अनिश्चितकाल तक टाल दी गई है। अन्तर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर सुनीता विलियम्स अपने सह यात्री बुच विल्मोर के साथ फंस सी गयी हंै। बोइंग स्टारलाइनर का जो अंतरिक्ष कैप्सूल सुनीता विलियम्स को लेकर अंतरिक्ष गया था उसकी ईंधन क्षमता डॉकिंग के दौरान 45 दिन की थी। इस वजह से अंतरिक्ष वैज्ञानिक समुदाय का चिंतित होना लाजमी है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भी अपने फंसे हुए दोनों एस्ट्रॉनॉट्स की पृथ्वी पर सकुशल वापसी हेतु निरंतर प्रयासरत है। वर्ष 2003 में हुए कोलंबिया हादसे के बाद नासा काफी फूंक-फूंककर कदम रख रही है। क्योंकि उस दरमियान पृथ्वी पर वापसी कर रहे कल्पना चावला समेत सभी अंतरिक्ष यात्रियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। राहत की बात यह है कि अन्तर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर अभी ७ एस्ट्रॉनॉट्स मौजूद है, जो कि इसकी पूर्ण क्षमता के बराबर है। बोइंग के साथ मिलकर कई प्रयोग किये जा रहे हैं, जिससे सुनीता विलियम्स की जल्द वापसी का रास्ता तय हो सके। कयास लगाये जा रहे हैं कि नासा अंतरिक्ष परिवहन के क्षेत्र में सक्रिय उद्योगपति एलन मस्क का सहयोग भी ले सकती हैं।

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