
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को राजभवन में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी द्वारा नैक मूल्यांकन हेतु की गई तैयारियों की समीक्षा बैठक की।बैठक में राज्यपाल ने विद्यापीठ की टीम को नैक मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर कार्य पूर्ण पारदर्शिता,गुणवत्ता एवं त्रुटिरहित करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्राइटेरिया का प्रस्तुतीकरण प्रमाण सहित प्रस्तुत करें ताकि वेरिफिकेशन टीम आपत्ति न लगा सके।राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों की उपलब्धता एवं स्थानीय आवश्यकता को ध्यान में रखकर पाठयक्रम तथा प्रवेश हेतु सीटें निर्धारित की जाए।साथ ही विद्यार्थियों को स्वावलम्बी बनाने वाली शिक्षा पर बल देने वाले पाठ्यक्रम बनाए जाएं। कुलाधिपति ने कहा कि विद्यापीठ के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों द्वारा जो अच्छे एवं उच्च गुणवत्ता के कार्य किए गए हैं,उनका प्रमाण के साथ उचित ढंग से प्रस्तुतीकरण में प्रदर्शन होना चाहिए।उन्होंने क्राइटेरिया पांच की समीक्षा करते हुए कहा कि संस्थान का अगर कोई भी विद्यार्थी यदि विद्यापीठ की परीक्षाओं के अतिरिक्त अन्य परीक्षाओं में भाग लेकर उत्तीर्ण हुआ है तो विद्यापीठ उसे अपनी उपलब्धि मानते हुए प्रस्तुतिकरण में शामिल करे।राज्यपाल ने कहा कि विद्यापीठ द्वारा प्रत्येक क्राइटेरिया की उपलब्धि को बिन्दुवार प्रमाण और फोटो कैप्शन के साथ प्रदर्शित किया जाना चाहिए तथा फोटो कैप्शन का अंकन चित्र में दर्शाये गये विवरण के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने सामाजिक कार्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि गांव की जो बेटियां विद्यापीठ में अध्ययन कर रही हैं शिक्षकों को चाहिए कि उनके गांव जाकर उनके परिवार से संवाद करें।इसके साथ ही कुलाधिपति ने कहा कि विद्यापीठ में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को दहेज न लेने का संकल्प करायें तथा दहेज मांगने वालों का तिरस्कार करने के लिए प्रेरित करें।
कुलाधिपति ने बैठक के दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार नवीनतम पाठ्यक्रम की पुस्तकें प्रकाशित कराये जाने पर बल दिया और कहा कि उद्यमी कौशल पर केंद्रित रोजगार पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने का कार्य विद्यापीठ को करना चाहिए।शिक्षकों का ध्यान विद्यार्थियों को स्वावलम्बी बनाने वाली शिक्षा पर केन्द्रित रहे और सिलेबस में ऐसे ही रोजपरक विषयों को शामिल किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा विद्यार्थियों को आने वाले समय में ज्ञान के साथ उनको रोजगार मुहैया कराने में सक्षम होगी।राज्यपाल ने प्रस्तुतीकरण में स्किल एण्ड एडवांस लर्निंग प्रोग्राम को शामिल करने पर बल दिया। शिक्षकों को विद्यार्थियों की मनोवृत्ति,उनके विचार,उनकी लर्निंग के स्तर को भली-भांति समझने हेतु उनके साथ परस्पर संवाद स्थापित किया जाना चाहिए।उनसे उनके अध्ययन सम्बन्धी फीडबैक को समय-समय से प्राप्त कर उनको नित नये परिवर्तन,अद्यतन जानकारियों एवं पाठ्यक्रम को ग्रहण करने हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए।उन्होंने बच्चों को भ्रमण कराये जाने पर जोर देते हुए कहा कि भ्रमण से बच्चों में व्यवहारिक ज्ञान में वृद्धि होती है।
कुलाधिपति ने रिसर्च,इनोवेशन एण्ड एक्सटेंशन के महत्व पर बल देते कहा कि इन्क्यूबेशन सेंटर से संचालित प्रत्येक गतिविधियों का विस्तृत उल्लेख लेखों अथवा शोध पत्रों में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की नैक मूल्यांकन की तैयारियों हेतु गठित टीम उच्च ग्रेड प्राप्त शिक्षण संस्थाओं का भ्रमण कर वहां के कार्य एवं शिक्षण व्यवस्थाओं का गहन अध्ययन करें।तद्नुसार अपना प्रस्तुतीकरण तैयार करें। विद्यापीठ द्वारा संस्था के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों द्वारा जो अच्छे कार्य किये गये हैं,उनका प्रमाण के साथ उचित ढंग से प्रस्तुतीकरण में प्रदर्शित करें।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डा0 सुधीर एम0 बोबडे,विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी,विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन की तैयारी के लिए गठित टीम के सभी सदस्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।