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पंजाब में जहरीली शराब से 21 मौतें, डीएसपी और एसएचओ सस्पेंड

अमृतसर: पंजाब के अमृतसर के कस्बा मजीठा में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या को 21 तक पहुंच गई। जिन परिवारों ने अपनों को खोया है उनका रो-रोकर बूरा हाल है। इस कांड की वजह से कई महिलाओं के सुहाग उड़ गए, कईयों ने अपने बेटे खोए तो किसी ने के सिर से पिता का साया उठ गया। बच्चे से लेकर बूढ़े व महिलाओं के आंसू थम नहीं रहे हैं। मजीठा में आंसुओं का सैलाब है। कस्बे के 21 लोगों की मौत से कोहराम मचा हुआ है। पीडि़त परिवारों को आसपास के लोग और रिश्तेदार ढांढस बंधा रहे हैं। अमृतसर के मजीठा नकली शराब कांड मामले में पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार किया है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पुलिस ने अवैध शराब के कारोबार से जुड़े रैकेट के सरगना और कई स्थानीय वितरकों सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही औद्योगिक उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले घातक रसायन मेथनॉल के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा इलाके के डीएसपी और थाना प्रभारी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।

मरने वालों में

गांव मराड़ी कला के रहने वाले मेजर सिंह, परमजीत सिंह, तसबीर सिंह, सुखविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, गांव पतालपुरी का रोमी और गंजू राम, गांव थरैयावा का करनैल सिंह, अजीत सिंह, जोगिंदर सिंह, गांव भंगाली कला का इकबाल सिंह, रमनदीप सिंह, रोबिनजीत सिंह, बलबीर सिंह, राजा, गांव तलवंडी कुम्मन का अमरपाल सिंह, गांव करनाला का काका, गांव करनाला का गगन, गांव भंगाली कला का सतपाल सिंह और जोगिंदर सिंह शामिल है।

पकड़े गये आरोपी

वहीं पकड़े गए आरोपियों के नाम साहिब सिंह, प्रभजीत सिंह, कुलबीर सिंह, निंदर कौर, साहिब सिंह, गुरजंट सिंह, अरुण उर्फ काला और सिकंदर सिंह उर्फ पप्पू है। इसके अलावा लुधियाना के पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार है। यह दोनों आरोपी लुधियाना की साहिल केमिकल्स के मालिक है।

डीएसपी और एसएचओ सस्पेंड

इसके अलावा लापरवाही बरतने के आरोप में मजीठा के डीएसपी और एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही इनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि डीएसपी मजीठा अमोलक सिंह और एसएचओ मजीठा अवतार सिंह को अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने में घोर लापरवाही के लिए निलंबित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार वालों को 10 लाख मुआवयजा देनें की घोषणा

वहीं इस घटना के बाद मंगलवार को जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान पहुंचे और उन्होंने पीडि़त परिवारों के साथ मुलाकात की। उन्होंने पीडि़त परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। साथ ही परिवार के बच्चों की पढ़ाई ओर अन्य सुविधाओं का ध्यान रखने का भी वायदा किया।

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