समधन, समृद्धि न्यूज़। रमज़ान का पूरा महीना उसके रातो दिन बड़े मुबारक होते हैं। और ईद का चांद निकलने के बाद ईद से पहले की रात भी बड़ी और अहम इबादत की रात हैं।इस रात को लैलतुल जाईजा (इनाम बाली रात) कहा जाता है।
और ईद का दिन इनाम मिलने का दिन होता है। अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों की माफ़ी का ऐलान फरमाते हैं। ईद की रात की हम सब को बड़ी कदर करनी चाहिए और अल्लाह के सामने इबादत और दुआ में गुजारनी चाहिए और ईद से पहले अगर सदका ए फितर अदा न किया हो तों अदा कर दें। जकात और सदका खैरात अदायगी का ख्याल रखें और ईद बाले दिन सुबह की नमाज़ अपने मोहल्ले की मस्जिद में अदा करें। सुबह जल्दी जागे ईद की नमाज़ से पहले कोई नफिल नमाज न पढ़ें। नहाने के बाद अच्छे कपड़े पहने नय कपड़े न होना कोई जरूरी नहीं है खुश्बू लगाएं और नमाज पढ़ने के लिए वक्त से पहले पहुंच जाये खजूर या कोई मीठी चीज खाकर जाएं और रास्ते में हल्की आवाज में तकबीर ए तशरीक ( अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इला ह इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर व लिलाहिल हम्द ) पढ़ते हुए जाएं एक रास्ते से जाएं और वापसी में दूसरे रास्ते से आए।
ईद की रात इबादत की रात : मुफ्ती रिज़वान
