दिल्ली विधानसभा परिसर के बाहर आम आदमी पार्टी के विधायक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उन्हें और उनकी पार्टी के विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा है। उधर, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के तौर पर अमानतुल्लाह खान विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे हैं। जिस दिन एलजी का अभिभाषण था उस दिन अमानतुल्लाह अनुपस्थित थे। इसलिए उन्हें बाहर नहीं किया गया था। 
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उसके निष्कासित विधायकों की आज गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में एंट्री पर रोक है. आप के 21 निष्कासित विधायकों को पुलिस ने बैरिकेड लगाकार विधानसभा में नहीं घुसने दिया. सिर्फ अमानतुल्लाह को ही एंट्री मिली. दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आप ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी. विधानसभा के गेट के बाहर आप नेता आतिशी की अधिकारियों के साथ बहस भी हुई. इसे लेकर पूर्व सीएम आतिशी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया. उन्होंने लिखा कि बीजेपी ने सरकार में आते ही तानाशाही की हदें पार कर दी. ऐसा दिल्ली विधानसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि चुने हुए विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा.
आप नेता संजीव झा ने कहा कि हमारे ये संवैधानिक अधिकारों का हनन है. दरअसल, दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा मचा था. स्पीकर ने आप के 21 विधायकों को 3 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था. निलंबन 28 फरवरी तक है.
जिस दिन LG का अभिभाषण था उस दिन अमानतुल्लाह अब्सेंट थे, इसलिए उन्हें बाहर नहीं किया गया था. आज जब वह विधानसभा पहुंचे तो उन्हें विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने दिया गया है.
आतिशी ने क्या कहा?
पूर्व सीएम आतिशी ने कहा कि बीजेपी वालों ने सरकार में आते है तानाशाही की हदें पार कर दी. जय भीम के नारे लगाने के लिए तीन दिन के लिए आम आदमी पार्टी के विधायकों को सदन से निलंबित किया. और आज आप विधायकों को विधानसभा परिसर में घुसने भी नहीं दिया जा रहा. ऐसा दिल्ली विधानसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि चुने हुए विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा.
शीशमहल की भी जांच कराई जाएगी: प्रवेश वर्मा
दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, “बारापुला परियोजना की लागत पहले ही स्वीकृत राशि से दोगुनी हो चुकी है, क्योंकि सरकार की ओर से कोई फॉलो-अप नहीं हुआ। उस परियोजना पर काम कर रही कंपनी ने मुझे बताया है कि पिछले 10 सालों में कोई भी मंत्री फॉलो-अप के लिए नहीं आया। इसी तरह कई परियोजनाओं की लागत फॉलो-अप न होने के कारण दोगुनी हो गई है।”
CAG रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, “हम 2000 करोड़ रुपये के घोटाले पर चर्चा करेंगे। शीशमहल की भी जांच कराई जाएगी।”