फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। दिव्यांग उपकरण वितरण घोटाले में एमपीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी व पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद का डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है। आरोप निर्धारण के लिए 21 अप्रैल की तिथि नियत कर दी है। 2017 में आर्थिक अनुसंधान निदेशक रामनिवास यादव ने कायमगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में जाकिर हुसैन ट्रस्ट पर फर्जी दिव्यांग उपकरण वितरण शिविर के जरिए सरकारी धन के गबन का आरोप लगाया गया था। दिव्यांग उपकरण घोटाले की आरोपित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी व पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद और एक अन्य आरोपित के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है।
आर्थिक अनुसंधान संगठन के निरीक्षक ने दर्ज कराया था मुकदमा
10 जून 2017 को आर्थिक अनुसंधान संगठन लखनऊ में तैनात निरीक्षक रामशंकर यादव ने डॉ0 जाकिर हुसैन ट्रस्ट के सदस्य प्रत्यूष शुक्ला के खिलाफ दिव्यांग उपकरण वितरण के फर्जी कैंप लगाकर सरकारी धन हड़पने का मुकदमा दर्ज किया था। जांच में ट्रस्ट की परियोजना निदेशक लुईस खुर्शीद और अतहर फारुकी के नाम सामने आए। विवेचक ने दोनों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
राजनीति द्वेष से फंसाया गया
लुईस की ओर से कोर्ट में कहा गया कि उन्हें राजनीतिक द्वेष से फंसाया गया है। आरोप पत्र खारिज कर उन्हें बरी किया जाए। एमपी-एमएलए कोर्ट में अभियोजन अधिकारी व पूर्व विधायक के अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र कुमार ने लुईस का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। आदेश में उन्होंने कहा कि उपलब्ध साक्ष्य प्रथम दृष्टया अभियुक्तगण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त हैं। आरोप निर्धारण के लिए 21 अप्रैल की तिथि नियत कर दी है।