
समृद्धि न्यूज,फर्रुखाबाद
सीएमएस बोले: ज्यादा करेंगे तो हो जायेगी मेरी ऐसी-तेसी
कई बार लिखने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। योगी सरकार का फरमान गरीबों को सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क औषधि व अल्ट्रासाउंड मुफ्त किये जाने का आदेश बेअसर होता दिखायी दे रहा है और कोई और नहीं स्वास्थ्य विभाग के संबंधित राममनोहर लोहिया अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डा0 योगेन्द्र सिंह ऐसा कर रहे है। लोहिया अस्पताल के चिकित्साधीक्षक की माने तो डाक्टर की मनमानी व दबंगई से वह भी काफी पीडि़त है, लेकिन कुछ कर नहीं सकते। क्योंकि जो कुछ करना है वह सरकार को करना है। सरकार वादे बड़े-बड़े करती है, लेकिन काम चोर कर्मचारियों पर कार्यवाही ऊंट के मुहं में जीरा जैसा दिखायी देता है।
लोहिया अस्पताल के एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर योगेंद्र सिंह पूरी तरह अपनी मनमानी कर रहे है। अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर लम्बे समय से एक तख्ती टंगी है जिस पर लिखा है कि चिकित्सक अवकाश पर है। दूर दराज से मरीज लोहिया अस्पताल इस उम्मीद के साथ आते है कि सरकार द्वारा दी जा रही नि:शुल्क सेवा का उन्हें लाभ मिले, लेकिन तख्ती देखकर कुछ लौट जाते तो कुछ घंटों इंतजार करते है। जब उन्हें किसी प्रकार का कोई जबाव नहीं मिलता तो थकहार कर लौट जाते है या प्राइवेट अल्ट्रासाउंड कराते है। यह सच नहीं है कि चिकित्सक अवकाश पर है। उनके मन के ऊपर है कि वह किसका अल्ट्रासाउंड करेंगे और किसका नहीं। बताते चले कि एक मरीज अपना छह दिन पुराना पर्चा लेकर अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचा तो पहले उसको इंतजार करने को कहा। 1 घंटे बाद जब उसने दोबारा कहा कि मेरा अल्ट्रासाउंड कर दो तो डा0 योगेंद्र सिंह ने कहा कि आप जाइए 12 नंबर कमरे में कंप्लेंट करिए और कहिए कि मुझे लेबर की जरूरत है। मरीज ने पूछा कि डाक्टर साहब ऐसा क्यों कह रहे हो तो डाक्टर ने कहा कि कोविड की जांच करा लाओ। जब वह वहां पहुंची तो वहां बताया गया कि जांच नहीं होती है। साथ आये रिश्तेदार ने लोगों से पता कर मुख्य चिकित्साधिकारी को फोन कर बताया कि तुम्हारा अल्ट्रासाउंड होगा। काफी इंतजार करने के बाद जब नहीं हुआ तो सीएमएस को बताया। अल्ट्रासाउंड मरीज का होना तो दूर की बात उनके द्वारा जो शब्द कहे गये उन्हें सुनकर पीडि़त दंग रह गया। सीएमएस बोले कि वह अपनी मनमानी करते है और नेतागिरी दिखाते है। उनका कोई क्या बिगाड़ लेगा। मैं कई बार लिखकर दे चुका हूं, कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिससे उनके दिमाग और खराब है। सीएमएस यहां तक बोले कि अगर हम ज्यादा दबाव देंगे तो हमारी ऐसी-तैसी हो जायेगी। आप लिखित शिकायत करों मैं तुम्हारा भी पत्र डीएम को भेंज दूंगा। यह पहला मामला नहीं है, सैकड़ों ऐसे मरीज है जो घंटो इंतजार करने के बाद निराश होकर लौट जाते है। जबकि दो बार डिप्टी सीएम दौरे पर आये और लोहिया का निरीक्षण किया। एक बार सदर विधायक भी गये, लेकिन सुधार के नाम पर ढांक के तीनपाक जैसी कहावत साबित हो रही है।