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परमात्मा अति सूक्ष्म ज्योति बिंदु स्वरूप है: दीपी दीदी

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ओम निवास जटवारा जदीद द्वारा रतन गोल्ड स्टोर कादरी गेट में पांच दिवसीय कथा का शुभारंभ ओम की ध्वनि मेडिटेशन के साथ किया गया। राज योगिनी ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी ने कहा अब तो जाग सजनिया जाग भजन के साथ। इस संस्था के संस्थापक दादा लेखराज के तन में शिव का अवतरण 1937 में हुआ। ओम मंडली से प्रारंभ होकर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय 165 देश में सेवा केन्दों द्वारा सद्गुणों, नैतिकता, चरित्रता, दिव्यता आदि गुणो के साथ विश्व परिवर्तन का कार्य तीव्र प्रगति पर चल रहा है। आत्मा ही परमात्मा नहीं बरन ब्रह्म के रहने का स्थान है। जिसे ब्रह्मलोक कहा जाता है।

परमात्मा कण-कण में नहीं है, परंतु कण जैसा है। परमात्मा अति सूक्ष्म ज्योति बिंदु स्वरूप है, गुणो का सिंधु है, कल्याणकारी है, तीन देवों की रचना करने वाला है, ब्रह्मा, विष्णु, महेश ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की स्थापना, विष्णु द्वारा पालना, जब सृष्टि तमोप्रधान हो जाती है तब शंकर के द्वारा विनाश होता है। उन्होंने बताया भगवान ने स्वर्ग बनाया है, जहां पर देवताओं का निवास होता है, देह अभिमानी होने से पूज्य से पुजारी बन गए। सभी धर्म ने ईश्वर को ज्योति बिंदु स्वरूप में स्वीकार किया, जो सर्वधर्म मान्य हो, सर्वोच्च सर्वोपरि हो उसे ही परमात्मा कहा जा सकता है। परमात्मा जन्म मृत्यु से परे है। प्राकृतिक बंधनों से भी परे है, शत रजतम तीनों गुना से परे हैं, गीता के अध्याय 15 में उन्होंने भजन के द्वारा बताया भगवान तुम्हारी महिमा को हम जन-जन तक पहुंचा देंगे, जो तुम्हें ढूंढते कण-कण में हम उन्हें सद्गुण सिखला देंगे। हम ज्ञान चक्र देकर के सबके हृदय में ज्ञान का दीप जगा देंगे। गीता के अध्याय 10 के श्लोक 3 में परमात्मा को अजन्मा इंद्रियों से मुक्त कहा गया है। धर्म की स्थापना के समय अधर्मियों का विनाश करता हूं। दिनचर्या के बीच में थोड़ा-थोड़ा समय मेडिटेशन करें, संभावना प्रकृति को धन्यवाद करें।
नन्हे मुन्ने बच्चे वर्षा, स्नेहा, पीहू, आकांक्षा, साक्षी, पिंकी, खुशी, सुधा, ज्योति, जाह्नवी, निराली, राधा-कृष्ण, नंद यशोदा देवी देवकी वासुदेव की सुंदर-सुंदर झांकियां का मंचन किया। माखन चुराना, मटकी फोडऩा, माखन खाना, भोलेनाथ, देवी देवताओं की झांकियां का भाई-बहनों माता ने लुत्फ उठाया। राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शोभा दीदी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया, बच्चों का उत्साहवर्धन किया। रामावतार कुशवाहा, कमलेश, कन्हैया लाल जैन, महेश पाल उपकारी, कैप्टन विजय आरवी सिंह, उपासना, रानी ने पुष्प माला शाल आदि के राजयोगिनी दीपा दीदी का स्वागत किया। बीके निलेश, सुआलाल मिश्र ने संचालन किया। इस अवसर पर हरि, सत्येंद्र, उमाशंकर, अविनाश, सुनील अवस्थी, आरबी सिंह रावत, अंगद, शिवम पांडे, उषा, पूनम, एकता, गीता, ज्योति, अंजलि, सौम्या, पूजा, माधुरी, मनीषा, राधा, मधु, मिथिलेश, ज्योति सहित श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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