फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। नगर के राजपूताना पैलेस में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस के उपलक्ष्य में कथा वाचन कर रहीं कथावाचिका दिव्यांशी ने बताया कि भारत उस सनातन संस्कृति का प्रतीक माना जाता है जहां आज भी प्रकृति के देवता भगवान गिरिराज की पूजा करके प्रकृति को संरक्षित करने का नियम धारण किया जाता है। श्रीकृष्ण ने अवतार ही गौपालकों के यहां लीला करके गौ संरक्षण का संदेश दे दिया, लेकिन वर्तमान में भारत में गौ माता की स्थित दयनीता है, लोग गौ का दूध और घी तो चाहते हैं, लेकिन गौ पालन या गौ रक्षण करना नहीं चाहते। जिन भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति की रक्षा करके वनों में लीलाए की, गिरिराज जी की पूजा की। आज उन्ही की प्रकृति को लोग उजाडऩे में लगे हैं। कथावाचिका दिव्यांशी ने अपने प्रवचन में दक्षिण में चार सौ एकड़ के वन को उजाड़े जाने पर वन्य जीव और वनस्पति के विनाश होने की चिंता व्यक्त की। कथा आयोजक वीरेंद्र सिंह राठौड़ एवं यजमान रूप में परीक्षित बन कथा के मुख्य श्रोता राघवेंद्र सिंह राजू ने भी दक्षिण में उजड़ रही वन संपदा को संरक्षित करने को लेकर उचित कदम उठाने की बात कही। कथा में कई संत वृंद मौजूद रहे। वृंदावन के कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर के साथ आगामी छठवें दिवस की कथा में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह, कटरा विधायक वीर विक्रम सिंह, महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद महाराज, संत बच्चा बाबा आदि मौजूद रहेंगे।
प्रकृति के संरक्षण और गौ संवर्धन हेतु श्रीकृष्ण ने की थी गोवर्धन लीला: दिव्यांशी
