-कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किया दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ।
अमिताभ श्रीवास्तव।
समृद्धि न्यूज़ अयोध्या।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के हाईटेक हाल में “सतत कृषि विकास हेतु प्रसार कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।यह कार्यशाला कृषि विभाग उत्तर प्रदेश एवं कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि,कृषि एवं शिक्षा अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही,कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह व कृषि विभाग उत्तर प्रदेश के अपर निदेशक डा. आर.के सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया।कुलपति ने मंत्री को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री शाही ने कहा कि वन ट्रिलीयन डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कृषि विभाग,कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विश्वविद्यालय आपस में सामंजस्य बनाकर कार्य कर रहे हैं।इनके माध्यम से सभी कृषि सुविधाओं को किसानों के खेतों तक पहुंचाना होगा।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का आकार बहुत बड़ा है,इसके लिए हमें उत्पादन को और अधिक बढ़ाने की जरूरत है।जिन जगहों पर कम उत्पादन हो रहा है,उसके अंतर को कम करके हमें उत्पादन को और अधिक बढ़ाने पर जोर देना होगा।हमें गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित करना होगा जिससे गांव के विकास के साथ साथ रोजगार के अवसर,शिक्षा एवं स्वास्थ्य,आर्थिक एवं सामाजिक समरसता का भी विकास होगा।इसके लिए कृषि विभाग द्वारा आर्थिक सहायता भी की जा रही है।मंत्री ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में कृषि विश्विद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों का योगदान महत्वपूर्ण है।किसानों तक उत्तम बीज,तकनीकी जानकारी,सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं समय- समय पर प्रशिक्षित करने की जरूरत है।इस दौरान मंत्री ने अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए विश्वविद्यालय,कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विभाग के स्तर पर चलाई जा रही योजनाओं की भी समीक्षा की।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर किए जा रहे कार्यों एवं अनुसंधान पर विस्तार से चर्चा की।उन्होंने कहा कि बंजर जमीनों का उपयोग,फिश फार्मिंग,हाईड्रोपोनिक खेती, प्राकृतिक स्त्रोत,मखाना की खेती,टेक्निकल पार्क योजना अंतर्गत कृषकों के भ्रमण तथा उनके ज्ञान को तकनीकि रूप से अद्यतन करने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं।कुलपति ने बताया कि तिलहनी फसलों 912 हेक्टेयर,दलहनी फसलों पर 2142 हेक्टेयर,खद्यान फलों पर 611 हेक्टेयर प्रक्षेत्र पर प्रदर्शन और किसानों एवं महिलाओं के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए गए।विशिष्ट अतिथि कृषि विभाग उत्तर प्रदेश के अपर निदेशक डॉ आर.के. सिंह ने बताया कि मक्का विकास परियोजना पर तेजी से कार्य हो रहा है जिससे किसानों को को समृद्ध बनाया जा सके।एफपीओ से जुड़े लोगों को सोलर,धार्मिक स्थलों पर पॉपकॉर्न की व्यवस्था की जा रही है।वन ट्रिलयन डालर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलेट्स योजना,तिलहन की खेती,सोलर पंप योजना आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश दलहन में आत्मनिर्भर बने इसके लिए कृषि विभाग की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं।डा. सिंह ने कहा कि फसल बीमा में कई सुधार हुए हैं और केसीसी धारकों को बीमा कराने का प्रयास किया जा रहा है जो आने वाले समय में इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होंगे।निदेशक प्रसार डा. रामबटुक सिंह के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक डा. अनिल कुमार ने किया।इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता,निदेशक, जे.डी.ए एवं डी.डीए अयोध्या, समस्त केवीके के वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष मौजूद रहे।
गांवों को मॉडल के रूप में करें विकसित-शाही
