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युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली अपनाना होगा: आचार्य योगेश भारद्वाज

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। कमालगंज क्षेत्र के गदनपुर देवराजपुर में आर्य समाज के 22वें वार्षिकोत्सव के द्वितीय दिवस पर प्रात:काल वृहद यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में ग्रामवासियों ने आहुतियां प्रदान कर ईश्वर से सुख समृद्धि की कामना की। माध्यान्ह की सभा आर्य जगत के क्रांतिकारी वक्ता आचार्य योगेश भारद्वाज ने राष्ट्र रक्षा व अंधविश्वास, पाखंड विषय पर अपने विचार प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं को जागरुक किया।
उन्होंने कहा कि युवाओं में बढ़ते नशा, अपराध, अनाचार का मुख्य कारण वैदिक शिक्षा से दूर जाना बताया। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली को अपनाना होगा। आचार्य ने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने सत्य सनातन वैदिक धर्म में व्याप्त हो चुकी पाखंड कुरीतियों को दूर करने के लिए आर्य समाज की स्थापना की। श्रेष्ठ समाज के निर्माण के लिए आज देशवासियों को आर्य समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की आवश्यकता है। नोएडा पधारीं भजनोपदेशिका अलका आर्या ने अपने भजनों के माध्यम से ईश्वर भक्ति के वैदिक स्वरूप की व्याख्या की। आर्य समाज कमालगंज के पुरोहित आचार्य संदीप आर्य ने बताया कि देश आज महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती माना रहा है। महर्षि दयानंद पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने स्वराज का उद्घघोष किया। उनके आवाह्न पर हजारों नौजवान स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। स्वामीने जहां देश को विदेशी दासता की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए लोगों को प्रेरित किया। वहीं समाज में व्याप्त छुआछूत, जातिवाद व पाखंड के विरुद्ध एक अभियान चलाया। जिसके परिणाम स्वरूप भारतीय नवजागरण काल में एक नया परिवर्तन आया। कार्यक्रम में राजीव आर्य, रामवीर शास्त्री, सुरेंद्र आर्य, रमेश चंद्र आर्य, घनश्याम यादव, हरि सिंह फौजी, जगदीश सिंह, गंगा सिंह, आदेश सिंह, अर्जुन सिंह, सर्वेश सिंह आदि मौजूद रहे।

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