फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। दहेज हत्या व दहेज प्रतिषेध के मामले में अपर जिला जज प्रथम विष्णु चन्द्र वैश्य ने हंसराज पुत्र पहलू निवासी मुबारिकपुर शमशाबाद को दोषी करार देते हुए आठ वर्ष के कारवास व 7 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।विगत 9 वर्ष पूर्व जनपद एटा के थाना अवागढ़ क्षेत्र के ग्राम खुरापाई निवासी पीडि़त ने जनपद न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका दायर की थी। जिसमे में दर्शाया था कि मैंने अपनी पुत्री गिरजा देवी उर्फ सुखदेवी का विवाह हंसराज के साथ हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार किया था। कुछ दिनों बाद मेरी पुत्री ने एक पुत्री को जन्म दिया। मेरी पुत्री के ससुरालीजन पति हंसराज व जेठ, ननद आदि लोग दहेज में मोटर साइकिल की मांग कर रहे थे। प्रार्थी गरीब होने के कारण उनकी मांग को पूरा न कर सका। मैने अपनी पुत्री को समझाकर भेज दिया। 2 अगस्त 2014 की उक्त ससुरालीजनों एक राय होकर मेरी पुत्री की गला दबाकर हत्या कर दी। मैं जब पहुंचा तो मेरी पुत्री का शव पेड़ पर लटका रहा था। न्यायालय के आदेश पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधर पर मृतका के पति हंसराज के विरुद्ध न्यायालय में धारा 498ए, 304बी, 3/4 दहेज प्रतिषेध में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता दीपिका कटियार, तेज सिंह राजपूत, अनिल कुमार बाजपेयी की कुशल पैरवी के आधार पर अपर जिला जज प्रथम विष्णु चन्द्र वैश्य ने हंसराज को दोषी करार देते हुए 8 वर्ष का कारवास व 7 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अभियुक्त द्वारा जेल में विताई गयी अवधि को सजा में समायोजित की जायेगी।
पत्नी की हत्या में पति को 8 वर्ष का कारावास
