शासन को गुमराह कर पुलिस का साथ लेकर स्थानीय लोगों पर बना रहे है दबाव
सीएनआई की सम्पत्ति बेंचने का किसी को नहीं है अधिकार: अभिताभ
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। शासन-प्रशासन को गुमराह कर भू-माफिया चर्च की बेशकीमती भूमि को बेंचने की फिराक में है। जबकि सीएनआई चर्च डायोसिस ऑफ आगरा ने बताया कि चर्च से संबंधित भूमि को बिक्री करने का किसी को अधिकार नहीं है। फर्रुखाबाद-फर्रुखाबाद मार्ग नगला दीना स्थित एक बेशकीमती भूमि खाली पड़ी है। जो चर्च की सम्पत्ति बतायी जा रही है। इसी बजह से वह वर्षों से खाली पड़ी है। तभी कुछ भू-माफियाओं की इस पर नजर पड़ी तो सक्रिय हो गये। क्योंकि मामला इसाई समुदाय की सम्पत्ति से जुड़ा होने के चलते लोगों ने प्रयास किया, लेकिन सीधे कोई भी भूमि पर पैर रखने नहीं गया। कुछ लोगों को मिलाकर उसने एक व्यक्ति समाज का शामिल कर शासन को शिकायती पत्र भेजा कि नगला दीना स्थित संस्था यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दर्न इंडिया की भूमि खाली पड़ी है। जिस पर कुछ लोग कब्जा करना चाहते है। कबाड़े से मुक्त कराकर संस्था को कब्जा दिलाया जा सकें। साथ ही शिकायतकर्ता ने अपना नाम विकास कुमार सोलोमन बताया और अपने आप को प्रशासनिक सदस्य कमिश्नर यूनाईटेड चर्च ऑफ नॉर्दर्न इंडिया दर्शाया। साथ ही यह भी दर्शाया कि इस भूमि का रजिस्टर्ड बैनामा तहसील सदर स्थित रजिस्टरी कार्यालय में दर्ज है। शिकायत शासन में की गई थी। इसलिए स्थानीय पुलिस भी कुछ नहीं समझ पायी और भूमि पर कब्जा कराने के लिए पुलिस साथ गयी। पहले चारों तरफ से कटीले तार लगाये गये और फिर खरीददारों को लाने का दौर शुरु हुआ तो चर्चा शुरु हो गयी कि चर्च की भूमि कोई कैसे बेंच सकता है। कुछ दिन बाद पुलिस को साथ ले जाकर उस बेशकीमती भूिम पर ईंटे भी रखवा दी गई। जब इसकी जानकारी सीएनआई डायोसिस आगरा के जनरल सिक्रेटरी अभिताभ हेराल्ड ने हमारे संवादाता को बताया कि चर्च की सम्मति बिक्री करने का किसी को अधिकारी नहीं है। चर्च की सम्पत्ति पर विवाद चल रहा है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन जिलाधिकारी पवन कुमार के समय भी कुछ लोगों ने चर्च से संबंधित एक संस्था का अपने आपको सर्वेसर्वा बताकर प्रयास किया था। मेरी शिकायत पर तत्कालीन जिलाधिकारी पवन कुमार ने रोंक लगायी थी। उन्होंने बताया कि इस समय सीएनआई डायोसिस के अलावा अन्य कोई इसाई समुदाय का संगठन नहीं है और न ही किसी अन्य संस्था की कोई भूमि यहां पर स्थित है। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी कर हम जिला प्रशासन को कार्यवाही के लिए पत्र भेजेंगे।
बताते चले कि यूसीएनआई भी ईसाई चर्च है और इसकी संपत्ति को नियंत्रित करने का अधिकार यूसीएनआई के पास ही होता है। यूसीएनआईटीए, यूसीएनआई का एक घटक संगठन है, लेकिन इसे संपत्ति बेचने का अधिकार नहीं है।
यदि यूसीएनआई को संपत्ति बेचने की आवश्यकता होती है, तो चर्च की नेशनल चर्च काउंसिल एक प्रस्ताव पारित करती है, जो यूसीएनआईटीए की जनरल मीटिंग में भेजा जाता है। जनरल मीटिंग में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ही यूसीएनआई संपत्ति को विक्रय किया जाता है, लेकिन सरकार और संबंधित जिलाधिकारी की अनुमति लेना अतिआवश्यक है। चर्च के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर फर्रुखाबाद चर्च के पादरी मनोज कुमार ने मौके पर पहुंचकर सम्पत्ति से संदर्भ में लोगों से जानकारी की।
करोड़ों की चर्च की सम्पत्ति को भू-माफिया बेंचने की फिराक में
