Headlines

अंधविश्वास: पूर्णिया में डायन के शक में एक ही परिवार के 5 लोगों को पीट-पीटकर जिंदा जलाया, मौत

बिहार: पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत राजीगंज पंचायत के टेटगामा वार्ड-10 में डायन का आरोप लगाकर गांव के ही एक ही परिवार के पांच लोगों की पीट-पीटकर और जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई। मरने वालों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है और पुलिस महकमा अलर्ट पर है।
बिहार के पूर्णिया में डायन होने का आरोप लगाकर एक ही परिवार के 5 लोगों की बेहरमी से हत्या कर दी गई। मृतकों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। लोगों का कहना है कि गांव के कुछ लोगों को बाबू लाल उरांव की पत्नी पर डायन होने का शक था। इसके बाद गांव के लोगों ने ही पहले उनके परिवार के साथ मारपीट की और बाद में जिंदा जला दिया। नृशंस हत्याकांड के बाद आरोपियों ने मृतकों के शवों को किसी सुनसान जगह पर गाड़ दिया है।
पुलिस ने बताया है कि मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजीगंज पंचायत के टेटगामा वार्ड-10 का है। दर्दनाक घटना को गांव के लोगों ने मृतक के पुत्र के सामने ही अंजाम दिया है। घटना के बाद पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही हैं। मृतक की पहचान सीता देवी 48 साल, बाबू लाल उरांव 50 साल, कातो देवी 65 साल, मंजीत उरांव 25 साल और रानी देवी 23 साल शामिल हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही मुफस्सिल थाना के साथ साथ आसपास के तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। एसपी स्वीटी सहरावत, एएसपी आलोक रंजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। मफस्सिल थानाध्यक्ष उत्तम कुमार ने बताया कि अब तक दो शव बरामद किए गए हैं, बाकी तीन की तलाश की जा रही है। घटना में शामिल गांव के मर्रर नकुल उरांव और ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस लगातार तलाशी अभियान चला रही है ताकि शेष शवों को भी बरामद किया जा सके और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके।

मृतका के पुत्र ने बताया कि 200 लोगों के सामने हुई वारदात

मृतक महिला के बेटे सोनू ने बताया कि गांव के कुछ लोगों को शक था कि उसकी मां काला जादू करती है, मां पर डायन का आरोप लगाकर रविवार रात गांव को गांव प्रमुख नकुल उरांव के नेतृत्व में एक बैठक बुलाई गई थी। बैठक में गांव के करीब 200 लोग शामिल हुए। इसी दौरान डायन का आरोप लगाकर मां सीता देवी और पिता बाबू लाल उरांव सहित परिवार के अन्य लोगों को बुलाया गया।
गांव के लोगों ने सोनू के माता-पिता के बचाव में एक न सुनी और डायन होने की बात कहकर सभी के साथ जमकर मारपीट की। पहले सभी को लाठी-डंडों से बेहरमी से पीटा गया। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों पर पेट्रोल छिडक़र जिंदा जला दिया। जब सभी की तड़प-तड़पकर मौत हो गई तो मृतकों के शवों को ट्रैक्टर से ले गए और एक सुनसान जगह ठिकाने लगा दिया। सोनू किसी तरह जान बचाकर वहां से भाग गया, जिसके कारण उसकी जान बच गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *