समृद्धि न्यूज। यमन में वहां के नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा पाई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रुकवाने के लिए भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है। भारत की एक नर्स को यमन में सजा-ए-मौत मिलने वाली है। भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। 37 साल की निमिषा केरल की रहने वाली है। फिलहाल, नर्स जेल में बंद है। किस मामले में निमिषा को सजा-ए-मौत देने का ऐलान किया गया है। निमिषा को यमन के एक नागरिक की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया है। इसी के चलते वो फिलहाल जेल में बंद है। निमिषा को इसी मामले में फांसी देने का ऐलान किया गया है। अगले हफ्ते उनको फांसी दी जाएगी। वहीं, दूसरी तरफ परिवार लगातार इस फांसी को रोकने के लिए मदद की गुहार लगा रहा है।
निमिषा प्रिया साल 2008 में मिडिल ईस्ट के देश यमन गई थी। उन्होंने वहां पहुंच कर कई अस्पतालों में काम किया। इसी के बाद उन्होंने अपना खुद का एक क्लिनिक खोला। क्लिनिक खोलने के चलते ही निमिषा साल 2014 में तलाल अब्दो महदी के संपर्क में आईं। निमिषा के लिए बिजनेस शुरू करने के लिए महदी के संपर्क में आना जरूरी था, क्योंकि यमन में नियमों के अनुसार बिजनेस शुरू करने के लिए लोकल व्यक्ति के साथ साझेदारी करना अनिवार्य है।
महदी के साथ संपर्क में आने के बाद केरल की नर्स का महदी से झगड़ा हो गया था। यह झगड़ा इस हद तक बढ़ गया था कि निमिषा ने महदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसी के बाद साल 2016 में महदी को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में उसे जेल से रिहा कर दिया गया। कथित तौर पर रिहाई के बाद महदी ने निमिषा को धमकाना जारी रखा।
निमिषा के परिवार ने दावा किया कि महदी ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। इसी के बाद निमिषा ने अपना जब्त पासपोर्ट वापस पाने के लिए महदी को कथित तौर पर बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था। हालांकि, ओवरडोज़ की वजह से उसकी मौत हो गई। महदी की मौत होने के बाद निमिषा ने यमन से भागने की कोशिश की, लेकिन भागने की कोशिश करते समय उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। यमनी मीडिया रिपोर्टों में यमन के अधिकारियों और पीडि़त तलाल अब्दो महदी के परिवार के साथ बातचीत में शामिल एक सामाजिक कार्यकर्ता के हवाले से कहा गया है कि सरकारी अभियोजक ने जेल को आदेश भेजा है और फांसी की सजा 16 जुलाई को तय की गई है। निमिषा वर्तमान में यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। सरकारी सूत्रों ने कहा हम तब से मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम स्थानीय अधिकारियों और निमिषा के परिवार के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान की है।
सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार 16 जुलाई को होने वाली फांसी को रोकने के प्रयासों में लगी हुई है। इस मामले में कुछ पेचीदगियां हैं क्योंकि भारतीय पक्ष का हूती विद्रोहियों के साथ कोई औपचारिक संपर्क नहीं है। भारतीय पक्ष ने निमिषा की रिहाई के लिए ब्लड मनी चुकाने का विकल्प भी तलाशा था, लेकिन पता चला है कि इसमें भी कुछ समस्याएं आ गईं।