समृद्धि न्यूज। ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर हुए हमलों का बदला लेने के लिए सोमवार रात को कतर स्थित अमेरिका के अल-उदीद सैन्य ठिकाने को निशाना बनाते हुए मिसाइलें दागी हैं। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, कतर की राजधानी दोहा में कई धमाकों की आवाज सुनी गई है। दोहा के अलावा ईरान ने इराक और सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया है। ईरान से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। ईरान ने अमेरिका के खिलाफ बड़ी जवाबी कार्रवाई की है। ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया है। ईरान ने कतर के अल उदैद एयरबेस पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, वहीं इराक के एन अल असद एयरबेस पर हमला किया है। ईरानी फौज और ईरान के स्टेट टीवी ने इस हमले की पुष्टि की है। ईरान ने कतर पर किए इस ऑपरेशन को बशएर अल फतेह नाम दिया है। इसे ईरान की अमेरिका के खिलाफ बड़ी जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है। ईरान ने इसी बेस को निशाना बनाने की कोशिश की है। हालांकि इस हमले को लेकर कतर का कहना है कि उसने सभी मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर लिया था। कतर के विदेश मंत्रालय के अनुसार 10 में से 9 मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया है। जबकि एक मिसाइल खुले इलाके में गिरी है। कतर ने बताया है कि इन हमलों में कोई भी हताहत नहीं हुआ है।
#WATCH | Qatar's Air Defence intercepts missiles fired by Iran at its capital, Doha.
Source: Reuters pic.twitter.com/OBhPmAuDsK
— ANI (@ANI) June 23, 2025
भारत ने कतर में अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी
भारत ने कतर में अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारत ने कहा मौजूदा स्थिति को देखते हुए कतर में भारतीय समुदाय से सतर्क रहने और घर के अंदर रहने का आग्रह किया जाता है। कृपया शांत रहें और कतरी अधिकारियों द्वारा दिए गए स्थानीय समाचारों, निर्देशों और मार्गदर्शन का पालन करें। दूतावास हमारे सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से भी अपडेट करता रहेगा।
कतर ने की हमले की निंदा
कतर सरकार ने कहा है कि अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हुए हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ0 माजेद अल अंसारी ने अल-उदीद एयरबेस पर ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड की ओर से किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे कतर की संप्रभुता, हवाई क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा कि कतर को इस हमले के जवाब में अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उचित और समान स्तर पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित है।