पुरानी कहावत है ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, बाल न बांका कर सके चाहे जग बैरी होय’
राजस्थान के झुंझुनूं शहर में एक अजीब वाक्या सामने आया हैं। एक व्यक्ति श्मशान घाट में चिता पर पहुंचकर जिंदा हो गया। उसकी सांसे चलने लगी। शख्स को तुरंत ही एम्बुलेंस बुलाकर बीडीके अस्पताल पहुंचाया गया। बता दें कि बीडीके अस्पताल के डॉक्टरों ने व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद बॉडी को मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया गया। दो ढाई घंटे तक बॉडी को डी फ्रीज में भी रखा गया। इसके बाद बॉडी को परिजनों को सौंप दिया गया था। मृत घोषित करने के करीब चार से पांच घंटे बाद व्यक्ति की सांसें दोबारा से चलने लगी। इस घटना को जानकर हर कोई हैरान है।जानकारी के मुताबिक, झुंझुनूं बगड़ मां सेवा संस्थान के आश्रय गृह में रहने वाले 45 साल के रोहिताश नाम के युवक की गुरुवार को दोपहर में तबीयत बिगड़ गई थी। रोहिताश अनाथ है और मूक बधीर भी है। वह काफी समय से यहीं पर रह रहा है। जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल लाया गया। अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद रोहिताश मृत समझकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। मोर्चरी में रखे डी फ्रीज में शव को रख दिया गया। शव करीब दो से ढाई घंटे तक डी फ्रिज में पड़ा रहा। इसके बाद पुलिस को बुलाकर पंचनामा बनाया गया। बगड़ की मौजूदगी में शव मां सेवा संस्थान के पदाधिकारियों को सौंप दिया गया। शव को एम्बुलेंस की मदद से पंच देव मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। यहां पर शव को चिता पर रखा गया। इस दौरान रोहिताश को सांस चलने लगी।