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वकील व कातिब बोले: अस्तित्व की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे

 सदर व अमृतपुर तहसीलों में नौवें दिन जारी रही हड़ताल, नहीं हुई रजिस्ट्री
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। नौ दिनों से तहसील सदर व अमृतपुर में जारी हड़ताल के चलते मध्यमवर्गीय वकीलों, कातिबों और स्टाम्प वेण्डरों के घरों में चूल्हे की आंच मध्यम पडऩे लगी है। कातिबों और वकीलों के सहारे अपनी जीविका चलाने वाले दुकानदारों की रोजी-रोटी भी प्रभावित होने लगी है। प्रशासन को दो तहसीलों से लगभग 50 लाख रुपये से अधिक की प्रतिदिन की हानि हो रही है, लेकिन बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारी वकीलों व कातिबों से बात करने को तैयार नहीं हैं और वकीलों ने तो साफ. साफ कह दिया है सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल मेें है।
निबंधन मित्रों की नियुक्ति के विरोध मेें बुधवार को जिले की दो तहसीलों में वकीलों, कातिबों की हड़ताल जारी रही। इसके साथ ही कलेक्ट्रेट के चकबंदी अधिवक्ताओं ने भी हड़ताली वकीलों, कातिबों का साथ दिया और कार्य नहीं किया। हड़ताल का असर तहसीलों में रोज कमाने खाने वालों पर पडऩे लगा है। अधिकांश टी-स्टाल संचालकों ने दुकान लगाना बंद कर दिया है। जो खुलते भी हैं, वहां सन्नाटा की स्थिति है। तहसील सदर में बुधवार को भी रजिस्ट्री कार्यालय के सामने टेण्ट लगाकर हड़ताली वकील, कातिब व स्टाम्प वेण्डर बैठ गये। वकीलों और कातिबों का कहना था कि अस्तित्व की लड़ाई से हम किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। निबंधन मित्रों की नियुक्ति से बैनामा लेखकों का तो अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। बार तहसील एसोसिएशन के सचिव अतुल मिश्रा ने कहा कि हमारे हौसलों को भूख और गर्मी पस्त नहीं कर सकती है। उन्होंने साथी वकीलों और कातिबों से कहा डरना नहीं, डिगना नहीं, हम सत्य, न्याय और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें हम पराजित होने वाले नहीं हैं। संयुक्त सचिव विकास सक्सेना ने कहा कि जिलाधिकारी लिखित आश्वासन दें कि निबंधन मित्रों की नियुक्ति नहीं होगी, तभी हड़ताल समाप्त होगी। पूर्व उपाध्यक्ष ओमप्रकाश दुबे ओमू, दयाशंकर तिवारी, अनुराग तिवारी, पंकज राजपूत, विपिन यादव, आशीष राजपूत, अंशुमान सिंह, राकेश कुमार सक्सेना, ऋषि श्रीवास्तव, स्वदेश दुबे सहित कई अधिवक्ताओं ने कहा बिना लिखित आश्वासन के हड़ताल समाप्त नहीं होगी। बैनामा लेखक संघ अध्यक्ष विनोद कुमार सक्सेना, महामंत्री मनोज त्रिवेदी, विशुनदयाल राजपूत, घनश्याम सक्सेना, संजीव भारद्वाज, अरुण कुमार सक्सेना, प्रदीप कुमार सक्सेना सहित तमाम लोग भी धरने पर बैठे रहे और शासन व प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे। स्टाम्प वेण्डर ललित तांबा, सौरभ सक्सेना, अरुणेश सक्सेना, राजीव सक्सेना, राजीव सैनी, इन्द्रा अग्रवाल आदि ने भी स्टाम्प की बिक्री नहीं की। तहसील आए लोग हलफनामा बनवाने के लिए इधर-उधर भटकते रहे और आखिर में बैरंग घर लौट गये। बार सदर तहसील एसोसिएशन के अध्यक्ष अतर सिंह कटियार ने कहा अभी किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि से कोई वार्ता नहीं हुई है, गुरुवार को भी हड़ताल जारी रहेगी।

कायमगंज तहसील में खत्म हुई हड़ताल

कायमगंज। कायमगंज तहसील के अधिवक्ताओं और बैनामा लेखकों ने हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया है। कायमगंज तहसील बार एसोसिएशन के सचिव अवनीश गंगवार ने बताया कि सहायक महानिरीक्षक निबंधन राजेश कुमार शर्मा ने एक पत्र के माध्यम से आश्वासन दिया है कि निबंधन मित्रों की नियुक्ति की सरकार की कोई योजना नहीं है। हड़ताल से कई परिवारों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। इसलिए हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि गुरुवार 29 मई से बैनामा रजिस्ट्री का कार्य होगा, जबकि कायमगंज तहसील में बुधवार को ही 21 बैनामा रजिस्ट्री हुईं।

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