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महात्मा रामचंद्र का जलसा 18 अप्रैल शुक्रवार से, तैयारियां शुरु

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सूफी सन्त महात्मा रामचंद्र जी महाराज का 100वां सालाना जलसा (शताब्दी भंडारा) 18 अप्रैल शुक्रवार को पूरी शानौशौकत के साथ शुरु होगा। जिसकी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। नक्स बंदिया सिलसिले के ३६वें गुरु सूफी संत रामचंद्र का इस वर्ष शताब्दी भंडारा होने के कारण आयोजन हेतु विशेष इंतजामात किये जा रहे हैं। महात्मा जी के प्रपौत्र एवं कार्यक्रम के संयोजक विनय सक्सेना ने बताया कि चूँकि इस बार महात्मा जी का यह १००वां सालाना जलसा है। इसलिए आयोजन को भव्य बनान हेतु विशेष व्यवस्थायें की जा रही हैं। जिसमें शांतिपाठ, भंडारे, आन्तरिक अभ्यास एवं प्रवचन को यादगार बनाने के लिए खास व्यवस्था की गयी है। श्रद्धालुओं का समाधि स्थल पर पहुंचना शुरु हो गया है। बताते चलें कि जलसे में देश विदेश से महात्माजी के अनुयाई आते हैं। शांतिपाठ में भाग लेने वालों का नामांकन आज किया गया। जलस में प्रशासनिक, न्यायिक एवं राजनैतिक हस्तियां शिरकत करती हैं।

कौन थे महात्मा रामचंद्रजी महाराज

सूफी संत महात्मा रामचंद्रजी का जन्म भोगांव (मैनपुरी) के रहीस हरबख्श राय के घर २ फरवरी १९७३ को हुआ था। अप्रैल १८९१ को नक्स बंदिया सिलसिले के बुजुर्ग शाह मौलवी फजल अहमद खाँ साहब रायपुरी के संपर्क में महात्माजी आये। जून १८९६ को रामचंद्र ने अपने गुरु फजल अहमद से दीक्षा हासिल कर तकमील (पूर्ण गुुरु) की पदवीं प्राप्त की। उसके पश्चात महात्माजी फतेहगढ़ के मोहल्ला तलैया लेन में निवास करने लगे और नवदिया के सूनसान क्षेत्र में साधना करने लगे। महात्माजी ने कुछ समय कलेक्ट्रेट फतेहगढ़ में नौकरी भी की। १४ अगस्त १९३१ को उनका निर्वाण (मृत्यु) हो गयी। वह नक्स बंदिया सिलसिले के ३६वें गुुरु हैं।

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